दरभंगा : सलफ़िआ यूनानी मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत फ़रीदिया अस्पताल में गुरुवार को डॉ. सैयद अब्दुल हलीम डायलिसिस सेंटर का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि डॉ. बी के सिंह, निदेशक डॉ. सैयद अब्दुल अज़ीज़ सल्फ़ी, डॉ. सैयद अब्दुल हकीम और अन्य अतिथियों ने किया. डॉ सैयद अब्दुल अजीज सल्फी ने दुआ कर केंद्र का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक डॉ सैयद अब्दुल अज़ीज़ सल्फ़ी ने कहा कि फ़रीदिया अस्पताल, दरभंगा सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है, जिसे डॉ अब्दुल हफ़ीज़ सल्फ़ी ने अपने पिता, पूर्व विधायक डॉ सैयद मुहम्मद फ़रीद के नाम पर स्थापित किया था और इसका नाम फ़रीदिया शफ़ाख़ाना था। उसके बाद यह सलफ़िआ यूनानी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के रूप में काम करने लगा। उन्होंने कहा कि डॉ. फ़रीद दरभंगा के सबसे पुराने डॉक्टरों में से एक थे और दरभंगा महाराज मेडिकल स्कूल की प्रबंध समिति के सदस्य भी थे और जब दूसरे डॉक्टरों ने अपनी फ़ीस बढ़ा दी थी तब भी उन्होंने अपनी फ़ीस 2 रु ही रखी थी।
डॉ. अब्दुल अज़ीज़ ने कहा कि जब कोरोना की लहर में मेडिकल सेवाएं संकट में थीं, तब उनके बेटे इंजीनियर सैयद इस्माइल ख़ुर्रम और डॉ यूसुफ़ फ़ैसल ने कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था की और सेवा की भावना के साथ कोरोना मरीज़ों की सेवा की। इसमें भी कोरोना के पूरे दौर में 20 लाख से अधिक रुपयों की मरीजों को फ़ीस में भी छूट दी गई।
डॉ. अब्दुल अज़ीज़ ने कहा कि लोगों की डायलिसिस की जरूरतों को देखते हुए हमने अस्पताल में इसकी व्यवस्था की है और अपने छोटे भाई डॉ. सैयद अब्दुल हलीम के नाम पर इसका नाम रखा है। डॉ. अब्दुल हलीम एक चिकित्सक भी थे और हमेशा फ़रीदिया अस्पताल और सलफ़िआ के प्रति समर्पित रहते थे। उन दिनों उन्हें डाइबिटीस था और अस्पताल और कॉलेज के काम में इतना व्यस्त रहते थे कि उन्हें दवा लेना भी याद नहीं रहता था इसलिए उनकी बीमारी Renal Faliure पर आ गई और उन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ने लगी। इंजीनियर इस्माइल ख़ुर्रम ने कहा कि हमने डायलिसिस का चार्ज कम से कम रखने की कोशिश की है ताकि आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को भी डायलिसिस की सुविधा मिल सके।
इस मौके पर अस्पताल ने कई महान हस्तियों और पारा मेडिकल स्टॉफ़ को कोरोना में उनकी निस्वार्थ सेवाओं के लिए मेडल और कोरोना वारियर अवार्ड से सम्मानित किया। नवीन सिन्हा के अलावा सल्फिआ यूनानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुलेमान अहमद, फ़रीदिया अस्पताल के उपाधीक्षक डा. इनामुल्ला, आरएमओ डॉ. नाज़िम, डॉ. सैफ़ुद्दीन, डॉ. नफ़ीस-उर-रहमान, डॉ. ग़ज़ाला शाहनवाज, डॉ. सिराज आदि .. को भी सम्मानित किया गया।
इस मौक़े पर डॉ. यूसुफ़ फ़ैसल ने कहा कि हमारी सभी सेवाओं का मक़सद लोगों को कम फ़ीस में बेहतरीन सेवाएं देना है ताकि आर्थिक कमज़ोरी के कारण जो लोग अच्छी चिकित्सा सेवाओं से वंचित हैं उन्हें भी बेहतर इलाज मिल सके। उन्होंने कहा, “डॉक्टरों को इस तरह के संकटों पर क़ाबू पाने का श्रेय दिया जाता है और हमें पुरस्कार मिलते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि किसी भी अस्पताल में इस तरह के संकट से निपटने के लिए उनका स्टॉफ़ बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिन्हें भुला दिया जाता है, इसलिए हमने कर्मचारियों को काम करने के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया ताकि जब भी ऐसा समय आए, वे सेवा की भावना के साथ काम करें।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और अस्पताल के माध्यम से डायलिसिस सेवा शुरू करने की शुभकामनाएं दीं और कहा कि इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.प्रोग्राम के अंत में शाहिद हसनैन ने मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।