थमी रहीं सांसें, घर के पास दिखाना पड़ा परिचय पत्र
-बार-बार विचलित करते रहे सड़कों पर गूंज शिव सैनिकों के नारे
-अभेद्य सुरक्षा घेरे में रहा अधिग्रहीत परिसर
-कड़ी जांच पड़ताल के बावजूद 17 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए रामलला दर्शन
राज प्रताप सिंह
गुनगुने जाड़े की चटख धूप में भी घुमड़ते रहे आशंका के बादलों के बीच शनिवार को अयोध्या की सांसें थमी रहीं। सड़कों पर शिव सैनिकों के नारे बार-बार विचलित करते रहे तो संगीनों से लैस खाकी की जबरदस्त उपस्थिति भरोसा दिलाती रही। इन्हीं आशंकाओं के कारण विराजमान रामलला के मंदिर से लगा समूचा अधिग्रहीत परिसर पूरी तरह अभेद्य सुरक्षा घेरे में रहा। जगह-जगह बैरिकेडिंग और कड़ी सुरक्षा जांच के बाद भी शनिवार को 17680 श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के चार्टर प्लेन से अयोध्या पहुंचने का कार्यक्रम तो दोपहर बाद का था लेकिन दो ट्रेनों से अयोध्या पहुंचे शिवसेना के कार्यकर्ता सुबह से ही मंदिरों के दर्शन-पूजन में जुट गए थे। महाराष्ट्र से शिवसैनिकों को लेकर चली ट्रेन सुबह ही अयोध्या पहुंच गई थी। ‘जय श्रीराम व ‘शिवसेना लिखी भगवा टोपी पहने शिव सैनिक उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम में पहुंचने से पहले ही पूरी अयोध्या घूम लेना चाह रहे थे।
जत्थों में घूम रहे शिव सैनिक सड़कों पर नारेबाजी करते चल रहे थे, जिससे खुद अयोध्या के दुकानदार और नागरिक भी सहम जा रहे थे। हालत यह रही कि लोगों की सांसें थमी रहीं। सुरक्षा में तैनात पुलिस, पीएसी व केंद्रीय बलों के जवानों ने संवेदनशील इलाकों में आवागमन पर कड़ी नजर रखी। कई जगह स्थानीय नागरिकों को ही अपने घरों में जाने के लिए परिचय पत्र दिखना पड़ा।
उद्धव ठाकरे के आते ही रोके दिए गए रास्ते :शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या में प्रवेश करते ही सीमाएं सील कर दी गईं। मुख्य मार्ग पर ही बैरिकेडिंग कर दी गई। उदया चौराहे पर ही लोगों को रोक दिया गया। इसके आगे टेढ़ी बाजार चौराहे पर भी आवागमन रोक दिया गया। सम्पूर्ण अयोध्या को 9 जोन एवं 17 सेक्टरों में बांटकर फुलप्रूफ सुरक्षा प्लान बनाया गया था। सुरक्षा व्यवस्था में एक एडीजी, एक डीआईजी, 3 एसपी, 10 एएसपी, 21 डीएसपी, 11 इंस्पेक्टर, 160 सब इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबल, 48 कम्पनी पीएसी, 2 एटीएस कमाण्डो टीम, 9 कम्पनी आरएएफ एवं नवीन तकनीक से लैस ड्रोन कैमरे भी लगाए गए।
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एडीजी कानून-व्यवस्था ने दावा किया कि निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार रामलला के दर्शन में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन कराया गया। पुलिस व प्रशासन के बीच समन्वय के लिए शासन के सचिव एमपी अग्रवाल शनिवार को अयोध्या भेज दिए गए। वह पूर्व में फैजाबाद के डीएम रहे हैं। उनकी मदद के लिए आईएएस अफसर डीजी गिरि एवं अन्य पीसीएस अफसर भी भेजे गए थे।