बरौनी (बेगूसराय)/संवाददाता : रिर्जव बैंक और भारत सरकार द्वारा जारी एक से दस रुपए तक के सिक्के आमजनों को परेशान कर रखा है। बरौनी क्षेत्र के बाजारों में नोटबंदी से पूर्व दस के सिक्के को छोटे-बड़े व्यापारी जाली कहकर लेने से इंकार करते थे। अब एक रूपए के सिक्के को जाली कहकर लेने से इनकार को लेकर क्षेत्र में हाहाकार मची है। कई संगठनों ने जिलाधिकारी तक लगाई गुहार। बताया जाता है कि इन दिनों बाजारों में एक रूपए के सिक्के लेने से व्यपारी साफ इंकार कर रहे हैं। जबकि रिर्जव बैंक और भारत सरकार द्वारा जारी आदेश में बैंकों को स्टॉल लगाकर एक से दस रुपए तक के सिक्के को आदान-प्रदान करने की सख्त दिशा-निर्देश जारी की गई है। पर मजदूरों को मिली मजदूरी में अधिकतर सिक्के ही प्राप्त हो रहे हैं और व्यापारी खुदरे पैसे देख दिए गए समान छीन कर भगा दे रहे हैं। जिस कारण मजदूरों के घर चूल्हे नहीं जल पाते और पैसे रहते पूरा परिवार यहां तक बच्चों को भूखे सुलाने को मजबूर हो रहे इंसान आखिर करें क्या। इतना ही नहीं अब तो सभी प्रकार के खुदरे पैसे लेने में व्यापारी यह कहकर मना करने लगे की आखिर कहां रखेंगे ये पैसे, कई बोरे भर गये हैं और बैंक भी लेने से करते हैं इनकार। बैंक कर्मी स्टाफ की कमी का रोना रोते रहते हैं।
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