संजय कुमार मुनचुन/पटना। गुरुनगरी पटना साहिब की आबोहवा बदली हुई है। श्रद्धालुओं से शहर का चप्पा-चप्पा पटा है। बाइपास से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा है। सफेद, पीली, नीली, ह्रदय समेत कई अन्य रंग की पगड़ी पहने पुरुष और माथे पर चुन्नी रखी महिलाएं हर तरफ दिख रही हैं। कोई पैदल चल रहा है तो कोई सरकार द्वारा मुहैया करायी गई बस में। लेकिन, मकसद सबका एक। गुरु गोविंद सिंह महाराज की जन्मस्थली की पावन मिट्टी को नमन करना और दरबार साहिब में हाजिरी लगाना। सिख संगत के अलावा स्थानीय लोगों की तादाद भी कम नहीं है। पूरी आस्था के साथ सिर को ढके पटना के लोग भी दरबार साहिब में मत्था टेकने और लंगर छकने में पीछे नहीं रहे। तख्त श्री हरिमंदिर साहिब, बाललीला गुरुद्वारा और बाइपास टेंट सिटी में दीवान साहिब के समक्ष मत्था टेकने के लिए होड़ दिखी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी समेत यूके, इंग्लैंड, कनाडा अन्य देशों से संगत यहां पहुंची है। अमृतसर से आईं सिमरनजीत कौर कहती हैं गुरु महाराज की कृपा हुई है, तभी यहां आने का मौका मिला है। दूसरी बार आई हूं। यही अरदास है कि हर प्रकाश पर्व में आने का मौका मिल जाए। बाइपास टेंट सिटी के लंगर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मिले। भाव यही था कि लंगर प्रसाद खाने से गुरु महाराज की कृपा होती है क्या आप पटना पहली बार आयें हैं? इस सवाल का जवाब देने से पहले श्रद्धालु कह रहें है कि तू सी ग्रेट हो पटना वाले। श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में क्या कमी है? इसका जवाब बाहर से आए श्रद्धालु कुछ इसी अंदाज में दे रहे हैं। प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह में मिल रही सुविधाओं से श्रद्धालु कितने संतुष्ट हैं या उसमें सुधार की जररूत हैं। ऐसे सवालों के साथ जिला प्रशासन ने डीएम संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर बाहर से आए श्रद्धालुओं से फीडबैक फॉर्म भरवा रहा हैं। श्रद्धालुओं की मदद के लिए बनाए गए सभी 57 हेल्पडेस्क पर फीडबैक फॉर्म को रखा गया है। सिख संगत के अलावा स्थानीय लोगों की तादाद भी कम नहीं है। पूरी आस्था के साथ सिर को ढके पटना के लोग भी दरबार साहिब में मत्था टेकने और लंगर छकने में पीछे नहीं रहे। तख्त श्री हरिमंदिर साहिब, बाललीला गुरुद्वारा और बाइपास टेंट सिटी में दीवान साहिब के समक्ष मत्था टेकने के लिए होड़ दिखी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी समेत यूके, इंग्लैंड, कनाडा अन्य देशों से संगत यहां पहुंची है। अमृतसर से आईं सिमरनजीत कौर कहती हैं गुरु महाराज की कृपा हुई है, तभी यहां आने का मौका मिला है। दूसरी बार आई हूं। यही अरदास है कि हर प्रकाश पर्व में आने का मौका मिल जाए। बाइपास टेंट सिटी के लंगर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मिले। भाव यही था कि लंगर प्रसाद खाने से गुरु महाराज की कृपा होती है।
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