मधुबनी : जिलाधिकारी के आदेश को नगर परिषद् कितना धता बताता है। इसका मंजर बुद्धवार को नगर थाना क्षेत्र में देखने को मिला। नगर परिषद् के लापरवाही के कारण वार्ड न0-14 निवासी रामचन्द्र महतो का 12 वर्षीय पुत्र सुजित कुमार की मौत नगर परिषद् तालाब में डूबने से हो गयी। नगर परिषद् के इंतजाम में लापरवाही से आक्रोशित एमएसयू के छात्रों ने मधुबनी-सकरी पथ को जाम कर जमकर हंगामा किया।
- डीएम के आदेश का पालन नहीं करता नप प्रशासन
- नप के लापरवाही से 12 वर्षीय बालक की मौत
- डीएम ने बैरेकेटिंग लगाने का नप को दिया था आदेश
- ससमय नहीं कराया गया बैरकेटिंग,तालाब में डूबने से हुई मौत
- एमएसयू ने नप पर लगाया लापरवाही का आरोप
एमएसयू ने नगर परिषद् पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस कार्य में नप को कमीशन नहीं मिलता है,वैसे कार्य को नप निर्देश मिलने के बाद भी पूरी नहीं करती है। जिसका खामियाजा आज देखने को मिला है। एमएसयू ने आरोप लगाया कि अगर डीएम के निर्देष पर तालाब के गहराई भागों को बांस-बैरकेटिंग कर देती तो आज एक पिता अपने लाल को सदा के लिए नहीं खोता।उधर सड़क जाम की सूचना मिलते ही नगर थानाध्यक्ष अरुण कुमार मौके पर पहुंच कर यथासंभव कार्रवाई का भरोसा देकर जाम को खत्म कराया। नगर थानाध्यक्ष ने शव को कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। उधर लोक आस्था के महान पर्व छठ के एक दिन पूर्व अपने पुत्र को असमय खोने का दर्द पीड़ित परिवार पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। मृतक के परिजन लगातार रो रहे है। इन सबके बीच पीड़ित माता-पिता के आंख से टपक रहे आंसू इस मौत की जिम्मेदार को खोज रही है। इधर नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि किसी तरह का कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ,वैसे युडी केस दर्ज किया जाऐगा।
क्या कहती है एसडीएम
सदर अनुमंडल पदाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बताया कि बैरकेटिंग करने का आदेश जिलापदाधिकारी के द्वारा दिया गया था।