लखनऊ,ब्यूरो :राज प्रताप सिंह-लखनऊ- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैय्यबा के फरार आतंकी अब्दुल नईम शेख को मंगलवार को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। वह वर्ष 2014 में मुंबई पुलिस की हिरासत से फरार हो गया था। उसे बुधवार को दिल्ली की अदालत में पेश कर एनआईए पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी। वह वाराणसी व लखनऊ में रहकर महत्वपूर्ण सुरक्षा स्थलों की रैकी कर रहा था। वह कश्मीर व हिमाचल में भी रहा। उस पर गुजरात दंगों के बाद महाराष्ट्र में रहकर गुजरात के बड़े नेता और विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया की हत्या करने की साजिश रचने के भी आरोप रहे है। एनआईए के सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2006 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में लश्कर-ए-तैय्यबा के द्वारा सप्लाई किए गए भारी मात्रा में एके-47 बरामद की गई थी। इस मामले में औरंगाबाद पुलिस ने अबू जुंदाल समेत 22 लश्कर के आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में लश्कर का सबसे सक्रिय आतंकी अब्दुल नईम शेख भी गिरफ्तार किया गया था। वह औरंगाबाद का रहने वाला था। महाराष्ट्र पुलिस उसे वर्ष 2014 में कोलकाता से लेकर मुंबई जा रही थी, तभी छत्तीसगढ़ में रायपुर के करीब वह ट्रेन से कूद कर भाग निकला था।
एनआईए सूत्रों का कहना है कि उसे लखनऊ में चारबाग रेलवे स्टेशन के करीब एक होटल से गिरफ्तार किया गया। उसे बड़े ही गोपनीय ढंग से एटीएस, एनआईए और सैन्य खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ की। उसने कबूला है कि वह फरार होने के बाद कश्मीर गया और वहां लश्कर आतंकियों से मिलकर उसने सैन्य प्रतिष्ठानों की जासूसी की। वह कुछ दिनों तक हिमाचल में भी रहा, जहां उसने कसोल में रैकी की। इस दौरान उसकी योजना इज़राइली नागरिकों को निशाना बनाने की थी।
नेटवर्क के जरिये पाकिस्तान से था संपर्क में
वह कुछ दिन तक वाराणसी में रहा। वहां उसने अपना नेटवर्क बनाया और किराये का कमरा लेकर रहने लगा। वह इस दौरान लगातार पाकिस्तान में बैठे आईएसआई और लश्कर के आकाओं से संपर्क में रहा। खुफिया एजेंसियों के लिए उसकी गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी। उसके वर्ष 2016 में उसके साथी आतंकियों को महाराष्ट्र की मकोका अदालत ने सजा सुनाई, जिसमें सात आतंकियों को उम्रकैद की सजा हुई।
मक्का मस्जिद पर हमले का भी है आरोप
एनआईए सूत्रों ने बताया कि उस पर आंध्र प्रदेश में मक्का मसजिद में आतंकी हमले, मुंबई में ट्रेन ब्लास्ट के भी आरोप रहे हैं। उसने वाराणसी व लखनऊ में अपने साथियों का बड़ा नेटवर्क बना लिया था। साथ ही उसने दिल्ली में भी कुछ महत्वपूर्ण सैन्य स्थलों की जासूसी की है। इस संबंध में यूपी एटीएस को भी सूचना दी गई है।