डेस्क : अब सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक कारों का दौर आने वाला है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए 10 हजार बैटरी ऑपरेटेड कारों की खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा ही प्रदूषण बचाने पर जोर देते हैं, लेकिन अब लगता है केंद्र सरकार पीएम की इस बात को जल्द ही अमल कर सकती है. केंद्र सरकार के मंत्री और कई अधिकारी जल्द ही आपको इलेक्ट्रिक कार की सवारी करते हुए दिख सकते हैं. आने वाले नवंबर महीने में यह सच हो सकता है.
विश्व के तीसरे सबसे बड़े तेल खपत करने वाला भारत लगभग 10, 000 इलेक्ट्रिक कार ‘सेडान’ खरीदने की तैयारी में हैं, वहीं इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर इलाके में करीब 4000 चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जा सकते हैं. इसके तहत 1000 गाड़ियां पहले आएंगी, तो वहीं 9000 गाड़ियां अगली किस्त में आएंगी.
ईईएसएल के एमडी सौरभ कुमार ने कहा कि कंपनी शुरुआती छह महीनों के पहले चरण में चार दरवाजों वाली 1000 इलेक्ट्रिक कारें खरीदेगी। ये एक बार चार्ज करने पर 120 से 150 किमी चल सकती हैं। कुमार ने बताया कि एनडीएमसी इलाके में नवंबर महीने तक 300 से 400 इलेक्ट्रिक वीइकल (EV) शुरू करने की योजना है। बता दें कि इसी इलाके में अधिकतर मंत्रालय और सरकारी इमारतें हैं। सौरभ ने बताया, ‘हमने सरकार को कहा है कि हम EV, ड्राइवर और इन कारों की मरम्मत मुहैया कराएंगे। इसलिए सरकारी विभागों के लिए कुछ नहीं बदलने वाला क्योंकि उन्हें सर्विस मिलती रहेगी और खर्च भी 5 हजार रुपये तक काम आएगा। इसके अलावा, प्रदूषण घटाने में भी मदद मिलेगी।’
बता दें कि ईंधन के इस्तेमाल में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर आता है। ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत सरकारी कंपनियों द्वारा प्रमोट एनर्जी एफ़िशंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) ने टेंडर जारी कर दिए हैं। शुक्रवार को आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल्स) जारी किए जाएंगे। ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बताया, ‘हम सरकारी विभागों से इसकी शुरुआत करेंगे।’ इससे पहले, बुधवार को ईईएसएल और सरकारी ईंधन रिटेल कंपनियों के बीच पेट्रोल पंप पर कम बिजली खपत वाले एलईडी बल्ब बेचने को लेकर एमओयू साइन हुआ।