लखनऊ (सुखलाल) : विश्व तंबाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को लोगों को जागरूक करने और तम्बाकू के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। जो कि कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों, कैंसर, दांत क्षय, दांतों में दाग आदि का कारण बनता है। कहते हैं स्वास्थ्य वो धन है की जिसको मिल जाये तो उससे धनी व्यक्ति धरती पर कोई नही है। क्योकि दुनिया मे ऐसे ऐसे लोग भी हैं जिनके पास रुपये पैसे की कोई कमी नही पर स्वास्थ्य नही है बड़ी बड़ी बीमारियों ने घेर लिया है पैसा हो कर सुकून नही है इसलिए स्वास्थ्य अमूल्य है।
इसलिए लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को लोगों को तम्बाकू के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए मनाया जाता है। स्वास्थ्य पर तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए इस दिन कई अभियान, कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। हम सभी जानते हैं कि तंबाकू या अन्य ऐसे उत्पादों को खाने से कुछ समय तक खुशी मिलती है अच्छा लगता है, लेकिन यह धीर धीरे जीवन से दूर ले जाता है ऐसा भी हो सकता है कि तंबाकू चबाने के बाद एक व्यक्ति थोड़ी देर के लिए ऊर्जावान महसूस करे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता होगा? इसके सेवन से एक प्रकार की लत लग जाती है और आप इसी में जकड़ कर रह जाते हैं जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है लेकिन नामुमकिन नहीं है।
इसी विषय को लेकर बुधवार को राजधानी स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेट्री मेडिसिन विभाग एंव स्वयंसेवी संस्था तंबाकू मुक्त लखनऊ अभियान संयुक्त तत्वधान में केजीएमयू के ब्राउन हाल में विश्व तम्बाकू निषेद दिवस के मौके पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ की महापौर डॉ. संयुक्ता भाटिया उपस्थित रही। डॉ संयुक्ता भाटिया ने कहा तम्बाकू से होने वाली खतरनाक बीमारियों खास कर कैन्सर के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि तंबाकू के प्रयोग के प्रति आमजन को जागरूक किए जाने की विशेष आवश्यकता है जिसके लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठन एवं अन्य संस्थाओं द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा इस अभियान में युवा वर्ग खासकर छात्र-छात्राओं का सहयोग यदि मिल जाए तो निश्चित तौर पर इसे रोकने में सफलता मिलेगी।
आगे उन्होंने कहा तंबाकू मुक्त लखनऊ होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत अभियान योजना को भी बल मिलेगा क्योंकि तंबाकू के प्रयोग से स्वास्थ्य के साथ साथ शहर भी गंदा होता है उन्होंने कहा तंबाकू मुक्त लखनऊ बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ ही लखनऊ नगर निगम भी हरसंभव सहायता करने को तैयार है। इस अवसर पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने कहा यदि अपने शहर अपने प्रदेश को तंबाकू मुक्त करना है तो सर्वप्रथम उसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी। इसलिए सबसे पहले वह केजीएमयू को तंबाकू मुक्त बनाने का हर संभव प्रयास करेंगे उन्होंने कहा कि विश्व में 60 लाख लोग एवं भारत में 10 लाख लोग परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से तंबाकू की वजह से मौत के मुंह में समा जाते हैं। कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने कहां कि लगभग एक तिहाई कैंसर का कारण तंबाकू है तथा 20% हृदय से संबंधित बीमारियां तंबाकू के कारण होती हैं। इस प्रकार से कुल 65 प्रकार की बीमारियां तंबाकू से होती हैं उन्होंने एक शोध का हवाला देते हुए कहा तंबाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति की 10 वर्ष की औसतन आयु कम हो जाती है। तंबाकू निषेध की दिशा में जितना कार्य किया जा रहा है वह पर्याप्त नहीं समाज के लोगों को उसके लिए आगे आना होगा।
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वही इस अवसर पर रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त ने कहां की तंबाकू दुनिया का एक ऐसा अकेला पदार्थ है जिसे किसी भी प्रकार का फायदा नहीं होता है बल्कि नुकसान ही नुकसान है तंबाकू और बीड़ी सिगरेट के धुए में सात हजार ऐसे विषैले रसायनिक तत्व हैं जिनमे से कोई भी अच्छा तत्व नही है इसमें 50 से ऊपर ऐसे रसायनिक तत्व पाए जाते हैं जिनसे कैंसर होने का खतरा रहता है और ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण तत्व को हमारी दुनिया में बढ़ावा दिया जा रहा है उसके दो कारण हैं पहला कारण यह है कि उसे रेवेन्यू मिलता है दूसरा कारण यह है कि इससे रोजगार मिलता है यह दो कुतर्क हमको दिए जाते हैं जिसके कारण तंबाकू बंद नहीं हो पा रही। 16वीं शताब्दी में अकबर के शासनकाल में सबसे पहले भारत मे पुर्तगाली तंबाकू लाए और जहांगीर ने फिर इस पर टैक्स लगाया तब से लेकर आज तक यह टैक्स इस पर जारी है। एक लाख करोड़ के करीब रिव्यू पैदा होता है तंबाकू से दूसरी ओर इससे कई गुना ज्यादा इससे पैदा होने वाली बीमारियों पर खर्चा होता है आगे उन्होंने बताया कि इससे 40 तरह के कैंसर पैदा होते हैं। आम लोगों में इसके प्रति जागरूकता हो इसके लिए 1987 से विश्व स्वास्थ्य संगठन हरि कथा मई को विश्व तंबाकू दिवस मनाया जाता है। अगर हम इसको धर्म से जोड़ दें तो बहुत अच्छे परिणाम आ सकते हैं किंतु दिक्कत यह है कि हमारे कई धार्मिक गुरु हैं जो स्वयं तंबाकू का प्रयोग करते हैं किंतु मैं सब धर्मों का आदर करते हुए एक धर्म का उदाहरण दूंगा कि सिख धर्म एक ऐसा धर्म है जिसमें बीड़ी सिगरेट तंबाकू पर पाबंदी है और मैं सभी धर्मों के गुरुओं से यह अपील करूंगा कीवा जब भी कोई प्रवचन दे या भाषण दें तो इसमें एक लाइन जरूर बोलें कि तंबाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है कृपया इस्तेमाल ना करें।