जर्जर सिंचाई आवासों में बांधे जाते मवेशी।
राम मोहन गुप्ता (इटौंजा/लखनऊ) :: राजधानी के इटौंजा क्षेत्र के सुल्तानपुर बहादुरपुर के किसानों की सैकड़ों बीघा खेती की सिंचाई पर ग्रहण लग गया है। क्योंकि गोमती नदी में रखा कैनाल पंप 2 साल से बंद पड़ा है। गूले और हौज ध्वस्त हो चुकी हैं । सिंचाई आवास लगभग 30 वर्ष पुराना है। जिसमें कोई कर्मचारी निवास नहीं करता है। सुल्तानपुर बहादुरपुर गांव के किसानों के लिए बेहतर सिंचाई व्यवस्था के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपया खर्च कर कैनाल पंप की व्यवस्था की गई । लेकिन किसानों ने बताया ,यह पंप 2 साल से बंद पड़ा है।
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जिससे सिंचाई न होने से सैकड़ों बीघा खेती परती पड़ी रहती है। 30 वर्ष पुराने आवास में बांधे जाते जानवर।। किसानों की सिंचाई की सुविधा के लिए लाखों रुपया खर्च कर सिंचाई आवास बनवाए गए। जिसमें मवेशी बांधे जाते हैं । यह आवास जर्जर हो चुका है। जिसमें कोई कर्मचारी निवास नहीं करता है । यहां के नागरिकों ने बताया यह आवास 30 वर्ष पुराना है। गुले ध्वस्त टूटे पड़े हौज।। यहां के किसानों ने बताया कि नालियां ध्वस्त हो गई है। जो झाड़ियों व गंदगी से पट गई हैं। जिससे उनसे सिंचाई नहीं हो पाती है । कैनाल पंप अब केवल नाम का रह गया है। यहां तैनात ऑपरेटर साल में एक दो बार आ जाते हैं। किसानों में आक्रोश सुल्तानपुर बहादुरपुर के किसान रामसागर सुनील संदीप शिवकुमार चंद्रशेखर रामदेव सर्वेश मिश्र , सियाराम कनौजिया व अन्य किसानों में आक्रोश है। जो अब कैनाल पंप न चलने की शिकायत तहसील दिवस में करेंगे। यदि हल नहीं निकला तो मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र लिखकर कैनाल पंप चालू कराने के लिए फरियाद लगाएंगे। सिंचाई सुविधा न होने से सैकड़ों बीघा खाली पड़ी जमीन। यहां के किसानों ने बताया कि 2 साल से कैनाल पंप नहीं चल रहा है । और दूसरा यहां कोई सिंचाई का साधन नहीं है । जिससे किसानों की खेती की जमीन जिसमें कभी फसलें लहलहाती थी । आज वह खेत खाली पडे हैं।
इस संबंध में जब तहसीलदार बीकेटी संदीप कुमार त्रिपाठी से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि यह समस्या सिंचाई विभाग की है । शिकायत मिलने पर संबंधित विभाग को लिखा जाएगा।
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