दरभंगा : सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ शहर के लोगों ने कहा कि विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सीएए को वापस नहीं लिया जाता और एनआरसी व एनपीआर को लागु नहीं करने का औपचारिक घोषणा नही की जाती। धरना प्रदर्शन के सवा महीना पूरा होने पर शुक्रवार को किलाघाट स्थित मदरसा हमीदिया के मैदान में दोपहर को एक जनसभा को संबोधित करते हुए उक्त बातें वक्ताओं ने कही।
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शहर के बुद्धिजीवियों ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार द्वारा सीएए व एनआरसी के रूप में लोकतंत्र की बुनियाद पर हमला किया जा रहा है। ये वक्त है संविधान बचाने की, ये लड़ाई है तिरंगा बचाने की, ये संघर्ष है देश की एकता को बचाने की। वक्ताओं ने शहर के आम अवाम का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हमारी लड़ाई सियासी नहीं है, किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है। हमारी लड़ाई सरकार से है और अधिकार एवं अस्तित्व की लड़ाई है। अभी इस लड़ाई को सवा महीना हुआ है, हमने तो सालों साल लड़ाई लड़ी है। उपस्थित जनसमूह का आह्वान करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आप सबको पहले से अधिक सक्रियता और शक्ति के साथ विरोध करना होगा।
दरभंगा के शाहीन बाग के रूप में प्रसिद्ध किलाघाट चौक पर धरना-प्रदर्शन का शुक्रवार को 35वां दिन था। संविधान-बचाओ, लोकतंत्र-बचाओ, देश बचाओ अभियान के बैनर तले सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ शुक्रवार को किलाघाट स्थित मदरसा हमीदिया के मैदान में आयोजित जनसभा में मुख्य रूप से उपस्थित हुए देश के कम उम्र के प्रसिद्ध शायर सुफियान प्रतापगढ़ी ने अपनी शायरी के माध्यम से केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। शायर सुफियान प्रतापगढ़ी की शायरी में लोगों को देश के हालात, सरकार की नीयत और हक के लिए अव्वाज उठाने की अपील दिखी।
मालूम हो कि संविधान-बचाओ, लोकतंत्र-बचाओ, देश बचाओ अभियान के बैनर तले तकरीबन दो दर्जन धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग व समर्थन से किलाघाट चौक पर 35 दिनों से धरना प्रदर्शन जारी है जिसमें अब तक देश प्रदेश के कई नामी गिरामी सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, डॉक्टर, वकील, पत्रकार, उलेमा आदि ने आकर समर्थन दिया है। यहाँ पर सभी जाति-धर्म के सेक्युलर विचारधारा के वक्ताओं ने निरंतर अपनी बात रखी है, और नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेकर एनआरसी व एनपीआर को रोकने की वकालत की है।
संविधान-बचाओ, लोकतंत्र-बचाओ, देश बचाओ अभियान के बैनर तले सीएए, एनआरसी एवं एनआरपी के विरोध में शहर में विभिन्न कार्यक्रम किये जा चुके हैं। पिछले एक माह से अधिक से किलाघाट चौक के निकट अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी लगातार जारी है जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक देखी जा रही है।
जनसभा को नफीसुल हक रिंकू, रुस्तम कुरैशी, रियाज खान कादरी, इंसाफ मंच के नेयाज अहमद, एडवोकेट मुमताज आलम, जहांगीर कुरैशी, इंजीनयर इश्तेयाक आलम पप्पू, अर्शी अंसारी, पार्षद रियासत अली, मुन्ना अंसारी, सय्यद आफताब अशरफ, मकसूद आलम पप्पू खान, डॉक्टर शाकिर खलीक, अमानुल्लाह अंसारी उर्फ हीरा, बदरे आलम पूर्व पार्षद, लईक मंजर वाजदी, एडवोकेट इस्लाम, नसीम अहमद दीप, दुलारे, रजाउल्ला अंसारी, आरजू अरूफ, सय्यद खालिकुज्जमा पप्पू, गुलाम मोहम्मद, नवाब अख्तर,
भोला पासवान, प्रिंस राज, संदीप चौधरी, डॉक्टर राहत अली, मोहम्मद उमर, अकरम सिद्दीकी, कैश अहमद खान, डॉ. इमामुल हक इमाम, जावेद करीम, मोहम्मद नौशाद, साजिद कैसर, इकराम अली, नफीस बेग, अमन नवाज खान, शाहिद खान, डॉ, अहमद रहमानी, हसनैन बाबा, राजू खान, परवेज रजवी, इरशाद आलम, जावेद खान, शमसुजुहा खान, राजू खान, परवेज रजवी, मोहम्मद हसनैन, आस मोहम्मद, सय्यद साजिद अली सज्जू आदि न भी संबोधित किया।