दरभंगा : आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल मयंक वरबड़े ने राजस्व संग्रहण करने वाले सभी संबंधित विभागों/कार्यालयों के प्रधान को चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने का सख्त निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के 11 माह व्यतीत हो चुके हैं। बाकी के एक माह की अवधि में विशेष अभियान चलाकर शत-प्रतिशत राजस्व संग्रहण सुनिश्चित की जाये। उन्होंने ये बातें प्रमण्डलीय सभाकक्ष में आयोजित प्रमण्डलीय समन्वय समिति की बैठक में कही है।
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आयुक्त द्वारा दरभंगा प्रमण्डल के तीनों जिलों यथा – दरभंगा, मधुबनी एवं समस्तीपुर जिलों के कार्य प्रगति का ब्यौरावार समीक्षा किया गया। समीक्षा में राज्य कर अपर आयुक्त दरभंगा द्वारा बताया गया कि वैट की राशि रिपोर्ट में प्रदर्शित नहीं हो रही है। इसलिए उपलब्धि का प्रतिशत् कम दिख रहा है। व्यवसायिक कर संग्रहण के 8851.85 लाख रूपया वार्षिक लक्ष्य के विरूद्ध मात्र 1053.85 लाख रूपया कर की वसूली हुई है, जो लक्ष्य का मात्र 12 प्रतिशत् है। आयुक्त महोदय ने प्रमण्डल के सभी जिलाधिकारियों को राज्य कर संग्रहण की समीक्षा कर लेने को कहा है।
निबंधन विभाग की समीक्षा में पाया गया कि 43314.00 लाख रूपया लक्ष्य के विरूद्ध 33073.00 लाख रूपया की वसूली हुई है। आयुक्त महोदय द्वारा निबंधन पदाधिकारियों को 100 प्रतिशत् की वसूली करने का निदेश दिया गया। ईट भट्ठों/बालू घाटों की बदोबस्ती से राजस्व वसूली की समीक्षा में बताया गया कि 7968.00 लाख रूपया लक्ष्य के विरूद्ध 2896.00 लाख रूपया की वसूली हो गई है। खनन उपायुक्त द्वारा बताया गया कि मधुबनी जिला में बालू घाटों की बंदोबस्ती का पैसा प्राप्त नहीं हो पा रहा है, जबकि दरभंगा में बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई ही नही है। बताया गया कि कार्य विभागों से भी खनन का राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा है।
जिलाधिकारी, दरभंगा ने बताया कि इस जिला में बालू घाटों को चिन्हित नहीं किया गया है। खनन उपायुक्त को जिला के सभी बालू घाटों को चिन्ह्ति कर सूची उपलब्ध कराने को कहा गया। जिलाधिकारी, मधुबनी ने बताया कि बालू घाटों को चिन्ह्ति कर बंदोबस्ती की जानी है और उसके बाद खनन योजना बनाकर विभाग को अनुमोदन के लिए भेजी जानी होती है।
आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को कार्य विभागों के अभियंताओं से योजनाओं के कुल खनन लागत का 10 प्रतिशत् राशि प्राप्त कर खनन विभाग के शीर्ष में जमा करा देने को कहा है ।
कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमण्डल, दरभंगा द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा खनन कोस्ट का 10 प्रतिशत् खनन विभाग के उपयुक्त शीर्ष में नियमित रूप से जमा किया जा रहा है। अधीक्षण अभियंता, विद्युत अंचल, दरभंगा एवं समस्तीपुर द्वारा बताया गया कि बिजली के जर्जर तारों को बदलने, नया विद्युत कनेक्शन प्रदान करने, नल-जल योजना के लाभुको के घरों में प्रिपेड मीटर संस्थापित करने आदि का कार्य तेजी से हो रहा है।
बताया कि पूरे दरभंगा जिला में 69533.28 लाख रूपया विद्युत विपत्र के विरूद्ध 58866.02 लाख रूपया की वसूली कर ली गई है। अधीक्षण अभियंता, दरभंगा ने बताया कि दरभंगा में 12 विद्युत उप केन्द्र का निर्माण पूर्ण हो गया है। 68 कृषि फीडर का भी निर्माण पूरा हो गया है। कृषि कार्य के लिए 3502 विद्युत् कनेक्शन दे दिया गया है। अधीक्षण अभियंता, समस्तीपुर अंचल द्वारा बताया गया कि विद्युत विपत्र की राशि वसूली हेतु अभियान चलाया जा रहा है।
कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद्, बेनीपुर द्वारा बताया गया कि 82 लाख रूपया लक्ष्य के विरूद्ध 50.22 लाख रूपया वसूली हुई है। नगर परिषद, समस्तीपुर द्वारा बताया गया कि 217.07 लाख रूपया के विरूद्ध 154.47 लाख रूपये की वसूली हुई है।
आयुक्त द्वारा इस बैठक में दाखिल-खारिज/भू-लगान/सैरात बंदोबस्ती/नीलाम पत्र वादों आदि की प्रगति की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि पूरे दरभंगा डिवीजन में 3.38 लाख दाखिल-खारिज के ओवदन प्राप्त हुआ है, जिसमें से 1.55 लाख आवेदनों का अंतिम निस्तारण कर दिया गया है। जबकि भू-लगान की वसूली मात्र 17 प्रतिशत् प्रतिवेदित की गई है। वहीं कुल 515 सैरातों में से 288 सैरातों की ही बंदोबस्ती हुई है। आयुक्त द्वारा छूटे 31 अबंदोबस्त सैरातों को शीघ्र बंदोबस्त कराने का निदेश सभी अपर समाहर्त्ता को दिया गया। उन्हें लैंड सिलिंग वादों की नियमित समीक्षा करने को भी कहा गया। माननीय उच्च न्यायालय में दायर सी.डब्लू.जे.सी./एम.जे.सी के वादों में प्रति शपथ दायर करने की समीक्षा में पाया गया कि सी.डब्लू.जे.सी. के कुल 3317 वादों में से 2658 वादों में प्रति शपथ पत्र दायर किया गया है।
इस बैठक में लोक शिकायत निवारण मामलों की भी समीक्षा हुई। कुल 25621 मामलों में से 24314 मामलों का निस्तारण पूर्ण बताया गया। आयुक्त महोदय द्वारा लोक शिकायत मामलों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने का निदेश सभी जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को दिया गया । बताया गया कि समाहर्त्ता/अपर समाहर्त्ता के न्यायालयों में चल रहे कुल 1266 वादों में से 503 वादों का निस्तारण हो गया है।
दाखिल-खारिज के बड़ी संख्या में लंबित मामलों की समीक्षा में पाया गया कि कुछ अंचलाधिकारी/राजस्व कर्मचारी द्वारा इस कार्य में अभिरूचि नहीं ली जा रही है। आयुक्त ने सभी जिलों के सबसे खराब 2-2 अंचलाधिकारी को चिन्ह्ति कर उन्हें आगामी बैठक में भाग लेने हेतु निदेशित किया गया।
विकास योजनाओं के प्रगति की समीक्षा के क्रम में आयुक्त महोदय द्वारा सभी उप विकास आयुक्त एवं कार्य विभागों के अधीक्षण/कार्यपालक अभियंतागणों को सभी लंबित योजनाओं को ड्राइव चलाकर पूरा कराने का निदेश दिया गया।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों एवं प्रखण्डों में विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन योजनाओं को प्राथमिकता के तौर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन/ई-किसान भवनों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण पूर्ण कराई जाये। समीक्षा में पाया गया कि 187 स्वीकृत योजनओं में से 140 पंचायत सरकार भवन का निर्माण पूर्ण हो गया है। कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि 30 ई-किसान भवन का निर्माण भी पूर्ण हो गया है।
सांसद क्षेत्र विकास योजना की समीक्षा में पाया गया कि 16वीं लोकसभा की कुल 2262 योजनाएँ पूर्ण है एवं 413 योजनाएं अभी तक अपूर्ण रह गये है। आयुक्त महोदय द्वारा अपूर्ण योजनाओं को अविलम्ब पूर्ण कराने को कहा गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति की समीक्षा में बताया गया कि 310221 योजनाएँ ली गई है, जिसमें से 306845 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसमें से 279431 लाभार्थियों को प्रथम किस्त, 162507 लाभार्थियों को द्वितीय किस्त एवं 115595 लाभार्थियों को अंतिम किस्त की राशि प्रदान कर दी गई है। आयुक्त महोदय द्वारा सभी उप विकास आयुक्त को प्रधानमंत्री आवास योजना का वर्षवार प्रगति प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को कहा गया।
कब्रिस्तानों की घेराबन्दी की समीक्षा के क्रम में सभी जिलाधिकारी को विवादित कब्रिस्तानों के विवाद का शीघ्र निस्तारण करने का निदेश दिया गया। आयुक्त ने सभी सिविल सर्जन को ए.ई.एस. बीमारी के प्रभाव को रोकने के लिए एस.ओ.पी. के तहत पूरी सतर्कता बरतने का निदेश दिया गया। उन्हें आयुष्मान गोल्डेन कार्ड का वितरण, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन कार्यक्रम आदि फ्लैगशिप योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन करने को कहा गया।
उन्होंने सभी जिलाधिकारी को सात निश्चय योजनाओं एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रगति का नियमित अनुश्रवण एवं समीक्षा करने को कहा है।
इस बैठक में कई पदाधिकारी अनाधिकृत तौर पर अनुपस्थित पाये गये। आयुक्त महोदय द्वारा अनुपस्थित पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछने का निदेश दिया गया। इसमें वन एवं पर्यावरण, नगर निगम, नगर परिषद्, मधुबनी आदि के नाम शामिल है।
उक्त बैठक में जिलाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम., जिलाधिकारी, मधुबनी डॉ. नीलेश रामचन्द्र देओर, जिलाधिकारी, समस्तीपुर श्री शशांक शुभंकर, आयुक्त के सचिव दुर्गानन्द झा, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी मनोज कुमार झा, ए.डी.एम., दरभंगा विभूति रंजन चौधरी, एडीएम समस्तीपुर, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, दरभंगा आर.आर. प्रभाकर, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, समस्तीपुर एवं मधुबनी, डीडीसी दरभंगा डॉ. कारी प्रसाद महतो, डीडीसी समस्तीपुर एवं मधुबनी, उप जन सम्पर्क निदेशक सुशील कुमार शर्मा, सभी डी.एल.ओ., सभी विभागों के प्रमण्डल/जिला स्तरीय पदाधिकारी, अधीक्षण/कार्यपालक अभियंता एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।