डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा के क्रम में बाढ़ प्रवण दरभंगा जिला में बाढ़ / आपदा से बचाव हेतु की गयी तैयारी पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर बिहार के सभी जिलों में हर वर्ष बाढ़ आती है, जिसमें दरभंगा जिला ज्यादा प्रभावित होता रहा हैं । कहा कि बाढ़ के आने पर इन जिलों में सामान्य जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। लेकिन बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में बाढ़ निरोधात्मक कार्य एवं ऐहितियाती उपाय ढ़ंग से किये जायें तो बाढ़ से जान माल का कम नुकसान होता है।
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उन्होंने कहा कि बिहार राज्य किसी भी आपदा से निपटने में सक्षम है। कहा कि विगत सालों में उत्तर बिहार की सभी प्रमुख नदियों यथा कोशी, बागमती, कमला-बलान, गंडक, बूढ़ी गंडक आदि में भीषण बाढ़ आती रही है। इसलिए बाढ़ से सुरक्षा हेतु पुख्ता तैयारी की जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाढ़ आपदा के समय बचाव एवं राहत कार्य संचालित करने हेतु आपदा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया / एस. ओ. पी. जारी कर दिया गया है।निर्देश दिया गया कि एस.ओ.पी. के तहत सभी जिलों में समय पूर्व सारी तैयारियां कर ली जायें ।
उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालकर बाढ़ आश्रय स्थल / शरण स्थली में रखनी होती है। कहा कि इस वर्ष पूरा देश कोरोना महामारी की त्रासदी झेल रहा है। इसलिए आपदा राहत केन्द्रों के संचालन में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होगी। सभी आपदा राहत केन्द्रों में सोशल डिस्टेसिंग नियम का पालन करना जरूरी होगा। इन केंद्रों के सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया जाये। कहा कि बुर्जुग, बीमार व्यक्ति, महिला एवं बच्चों की विशेष देखभाल की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने हेतु सभी जिलों में बड़ी संख्या में क्वारंटाइन सेन्टर संचालित किया गया। क्वारंटाइन सेन्टर में ठहराये गये लोगों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई । यह अत्यंत चुनौती पूर्ण कार्य था। कहा कि बिहार राज्य के खजाने पर सबसे पहला अधिकार आपदा प्रभावित व्यक्ति का है।
इसके पूर्व सरकार के मुख्य सचिव द्वारा सभी जिलों में बाढ़ पूर्व तैयारी की बारी-बारी से समीक्षा किया गया। जिलाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम. द्वारा बताया गया कि दरभंगा जिला में विगत वर्षों में आये बाढ़ के सभी पहलुओं को सामने रखते हुए सारी तैयारियां की जा रही है। कहा कि दरभंगा जिला के 10-14 प्रखण्ड बाढ़ से ज्यादा प्रभावित होते रहे हैं ।
कहा कि दरभंगा जिला में अवस्थित शहरी सुरक्षा तटबंध, कमला बलान बायां भाग एवं दायां भाग तटबंध के कमजोर बिन्दुओं को चिन्ह्ति कर स्ट्रग्थेनिंग कर दिया गया है। कहा कि विगत साल बाढ़ से जिला में 06 जगहों पर तटबंधों में टूटान हुआ था। इसमें से 05 टूटानों की मरम्मति हो गई है और एक जगह पिंडारूच में मरम्मति कार्य तेजी से कराया जा रहा है, जिसके एक सप्ताह में पूर्ण हो जाने की संभावना हैं।
उन्होंने कहा कि जिला में उपलब्ध सभी सरकारी नावों की मरम्मति करा लिया गया है और निजी नाव मालिकों से एकरारनामा कर लिया गया है। कहा कि जिला में सरकारी नाव 93 है एवं 295 निजी नाव मालिकों से एकरानामा कराया गया है। उन्होंने कहा कि जिला में 276 शरण स्थली चिन्ह्ति किया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा हेतु कुछ जगहों पर स्लूइस गेट भी बनाया जा रहा है। कहा कि तटबंधों की सुरक्षा हेतु अतिरिक्त होमगार्ड के जवानों की जरूरत है।
कहा कि पोलीथीन शीट्स की आपूर्त्ति हेतु रेट का निर्धारण हो गया है।जिला में जीवन रक्षक दवा एवं पशु दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
कहा कि 1500 के लगभग गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई है, जिनकी डिलीवरी अगले तीन माहों में संभावित है। इन महिलाओं के लिए विशेष शरण स्थली की व्यवस्था किया जा रहा है।
कहा कि उजान, घनश्यामपुर में आर.सी.डी. द्वारा एक पथ का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें विभाग के पहल की जरूरत है।माननीय मुख्य मंत्री महोदय ने प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग को इस योजना पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला के शहरी क्षेत्रों में भी जल-जमाव एवं बाढ़ से सुरक्षा की तैयारी की जा रही है। बताया कि दरभंगा समस्तीपुर जोन में रेलवे लाइन का दोहरीकरण कार्य हुआ है, उसके मलबे से निकास मार्ग अवरूद्ध हो गया है। उस मलबे को हटाने के लिए नगर विकास विभाग की मदद की जरूरत है। इस पर प्रधान सचिव नगर विकास विभाग द्वारा इस समस्या का तुरंत निवारण करने का अस्वासन दिया गया.
जिलाधिकारी द्वारा सुझाव दिया गया कि बाढ़ के समय राहत एवं बचाव कार्य संचालित करने हेतु एन.डी.आर.एफ./एस.डी.आर.एफ. के पास ड्रोन कैमरा रहने पर सबसे प्रभावित क्षेत्रों में जल्द पहुंचने में सहूलियते होगी।
जिलाधिकारी के इस सुझाव की प्रधान सचिव आपदा विभाग द्वारा सराहना किया गया और बाढ़ के समय ड्रोन कैमरा उपलब्ध कराये जाने की बातें बताई गई।
जिलाधिकारी द्वारा बाढ़ के समय धान का बिचड़ा तैयार करने के लिए कम्यूनिटी नर्सरी को चालू करने का भी सुझाव दिया गया ।
इस वीडियो कॉन्फ्रेस में आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल मयंक बरबड़े, पुलिस महानिरीक्षक, मिथिला प्रक्षेत्र अजिताभ कुमार, जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम., नगर पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र कुमार, सिविल सर्जन,डॉ एस के सिन्हा, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी सुशील कुमार शर्मा, आपदा प्रभारी पुष्पेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी समीर कुमार, सांख्यिकी पदाधिकारी शम्भू प्रसाद आदि उपस्थित थे।