दरभंगा : शुद्ध हृदय में ही ज्ञान का वास होता है। ज्ञान से ही सेवा का भाव आता है। ऋतुओं के राजा वसंत के आगमन के अवसर पर बुधवार को विद्या-बुद्धि की अधिष्ठात्री मां शारदे की आराधना धूमधाम से हुई। ज्ञान, शिक्षा की लालसा रखने वाले खासकर बच्चे व युवा सरस्वती माता की पूजा को लेकर सुबह से ही सक्रिय हो गए। बड़े – बुजुर्ग भी स्नान आदि कर मां सरस्वती की वंदना किए।
शहर से गांव तक पंडालों की लगी लड़ी
शहर से गांव में हर कदम पर बच्चे व युवकों ने छोटे- छोटे पंडाल बना कर मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित किया। मंगलवार की रात से शुरू हुआ पंडाल व मूर्ति की सजावट का सिलसिला सुबह तक चलता रहा। इसके बाद पूजा-अर्चना का दौर चला। हालांकि मौसम का मिजाज बदलने व पछुआ हवा में तेजी से कनकनी बढ़ गयी थी परंतु पूजा का उत्साह मौसम की तल्खी पर भारी दिखा। पूजा समिति के सदस्यों में अपने-अपने पंडालों को सजावट को लेकर एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी रही।
मेडिकल कॉलेज की प्रतिमा व पंडाल बने आकर्षण का केंद्र
दरभंगा में सरकारी, निजी विद्यालय, कोचिंग संस्थाओं से लेकर विभिन्न संगठनों में पूजा व सजावट को लेकर प्रतिस्पर्द्धा सी रही। प्रतिमा की सुन्दरता व पंडालों को आकर्षक बनाने में हर कोई अपने सामर्थ्य व संसाधन जुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ रखा। परंतु दरभंगा मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं इसमें सबसे अव्वल रहे। मेडिकल कॉलेज की सरस्वती पूजा , पंडाल व अन्य व्यवस्था को लेकर आकर्षण का केन्द्र रहा। इसको देखने के लिए यहां सुबह से देर शाम तक लोगों व श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।