डेस्क। कृषि निदेशालय, बिहार के अंतर्गत कृषि समन्वयक की नियुक्तियां बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा मेधावार चयनित कर किया जाता है। बिहार में कृषि समन्वयक का वेतनमान 5200-20,200 एवं ग्रेड पे 2800 रुपये है। प्रोन्नति एवं ग्रेड पे में वृद्धि को लेकर कृषि विभाग पटना द्वारा सभी जिलों के कृषि समन्वयकों से 30 हजार से 40 हजार रुपए प्रति समन्वय ली गई। साल भर बीत जाने के बाद भी ना तो प्रोन्नति हुई और ना ही ग्रेड पे में वृद्धि की गई। इसी मांग को लेकर पूर्व में हड़ताल भी किया गया था जिसको लेकर कृषि विभाग विभाग द्वारा राज्यस्तरीय कृषि समन्वयक संघ पटना के सीसी से मध्यस्थता करवाकर हड़ताल समाप्त करवा दिया गया। लेकिन हड़ताल अवधि का भी वेतन भुगतान अभी तक नहीं किया गया। हड़ताल समाप्ति के उपरांत संघ के सीसी द्वारा सभी जिलों के समन्वयकों से प्रोन्नति सह ग्रेड पे में वृद्धि करवाने के नाम पर 24 हजार, 30 हजार और कईयों से 40 हजार रुपए लिए गए। एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ जिससे कृषि समन्वयक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
दरभंगा के कृषि समन्वयक राजेश कुमार और जय द्वारा बताया गया कि पटना के वरीय सीसी प्रशांत कुमार सिंह, अरविंद कुमार सिंह, मंजीत कुमार, धनेश्वर कुमार भारती, अरूण कुमार द्वारा नकद रूपए एवं अलग अलग खातों पर यूपीआई के माध्यम से किसी से 24 हजार तो किसी से 30 से 40 हजार रुपए कृषि समन्वयकों से लिया गया। अब पूछने पर ये लोग टाल रहे हैं और बहाना बना रहे हैं। दरभंगा जिला से ही लगभग पचास लाख दस हजार रुपए की वसूली की गई। बिहार के पटना के 169 मुजफ्फरपुर के 198 दरभंगा के 167 मधुबनी के 205 समस्तीपुर के 196 वैशाली के 150 सीतामढ़ी के 142 पूर्वी चंपारण के 208 पश्चिम चंपारण के 163 समेत अन्य जिलों के कृषि समन्वयकों से लगभग 5 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की गई है।
वहीं इस मामले को लेकर हमारे संवाददाता ने कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पहली बार हमारे द्वारा ही ये खबर प्राप्त हुई है। इस मामले को लेकर जो भी बन पड़ेगा वो किया जाएगा साथ ही दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।