लखीसराय : जिले के पिपरिया प्रखंड में सरकारी किताब को कौड़ी के भाव में कबाड़ी में बेचकर एक बड़ा घोटाला किए जाने के बाद भी जिला प्रशासन शिक्षा विभाग के दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं कर उसे बचाने में लगा है। जिस बीईओ को मामले का अभियुक्त बनना चाहिए वह इस मामले का शिकायतकर्ता बन गया है। कायदे से कबाड़ी वाले के यहां से किताब मिलने के बाद पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए थी, लेकिन, भ्रष्टाचार में लिप्त जिला प्रशासन मौन तरीके से सबको क्लीन चीट देकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बुधवार को पिपरिया प्रखंड के ग्रामीणों का आक्रोश जिला मुख्यालय में इस आरोप को लेकर फूट पड़ा। सर्वदलीय आदर्श पिपरिया संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीण केआरके हाई स्कूल मैदान पहुंचे। यहां से प्रदर्शन करते हुए समाहरणालय पहुंचे और वहां धरना पर बैठे। अध्यक्षता पिपरिया प्रखंड प्रमुख लूसी देवी एवं संचालन राजद नेता कमलेश्वरी प्रसाद ¨सह कर रहे थे। ग्रामीण किताब घोटाला में शामिल शिक्षा विभाग के डीपीओ एवं प्रखंड के बीईओ के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने एवं निलंबन आदि की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। धरना के बाद जिलाधिकारी द्वारा ज्ञापन नहीं लिए जाने से आंदोलनकारी का आक्रोश और पनप गया। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 20 जनवरी तक दोषी बीईओ व डीपीओ को अभियुक्त नहीं बनाया गया तो पिपरिया प्रखंड के लोग एवं स्कूली बच्चे 21 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला से खुद को अलग कर लेंगे। ज्ञापन में प्रावि करारी पिपरिया में शराब फैक्ट्री चलाने वाले पर अब तक कार्रवाई नहीं होने व फलक नामक पुस्तक वितरण में की गई गड़बड़ी की जांच कराने की मांग भी की गई।
कांग्रेस नेता कार्यानंद शर्मा, भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष नवीन कुमार ¨सह, श्याम किशोर ¨सह, अमित कुमार चीकू, उप प्रमुख बमबम कुमार, सांसद प्रतिनिधि रामविलास शर्मा, माकपा के जिला मंत्री मोती साव, मन्नू भारती, विपिन ¨सह, अर¨वद कुमार पप्पू, कैलाश यादव, मुन्ना कुमार, राजीव कुमार, धीरज कुमार, सैदपुरा के मुखिया दिनेश ¨सह, सरपंच भूषण ¨सह, पूर्व प्रमुख शालीग्राम ¨सह, रामचंद्रपुर पंचायत के सरपंच गोपाल पंडित, पिपरिया पंचायत के सरपंच नरेश यादव आदि उपस्थित थे।