जालंधर(अभिनन्दन शर्मा):आज स्वर्णिम टाईम्स के पत्रकार रिपोर्टिंग करने जालंधर के थाना नई बारादरी में गए।तब वहाँ मौजूद एक ए. एस.आई. ने थाने के अंदर बने कमरे में सभी पत्रकारों को बिठा दिया।उस कमरे के बाथरूम में जब अचानक देखा तो सब हैरान रहे गये की जो मोटरसाइकिल एवं कार पुलिस नाके के दौरान जप्त करती है या जो किसे वारदात में इस्तेमाल होती है उसे पकड़ती है तो बाद में उससे अगली करवाही तक थाने में ही जप्त करके रखा जाता है हमे कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है परंतु आज जो हम आपको बताने जा रहे वो हैरान कर देने वाली बात है।जो आप जैसे आम लोगो की बाइक एवं कार को पुलिस जप्त करके थाने में रखती है उस का सामना भी निकाल लेती है , जिसे की बाइक की पैट्रॉल की टैंक, हॉर्न,बाइक इंजन का सामान,बाइक लाइट्स एवं अन्ये सामना। इस ही कुछ देखने को थाना के नई बारादरी थाने में मिला।हमारी इस खबर को देखने के बाद शायद थाना नई बारादरी के एसएचओ कहे की बाथरूम में पढ़ा सामना सही है या मुकर जाये की पढ़ा हुआ सामना जप्त की बाइक या गाडियो से नहीं उतरा हुआ है।ये आज सिर्फ एक थाने में देखने को मिला है परंतु हमारी टीम अन्ये थानों में जा कर सर्च करेगी और आने वाले समय में और भी खुलासे करेगी।
इसे देखते हुए हमारे कुछ सवाल:
क्या पुलिस को हक है, ऐसे लोगो के जप्त किये बाइक एवं कार का सामान निकलने का?
क्या नाके पर जो बाइक या कार जप्त की जाती है वो थाने में सामान निकलने की लिए की जाती है?
जप्त की हुए बाइक एवं कार का सामान क्यू निकाला जाता है?
थाने में मौजूद पुलिस कर्मी जप्त की बाइक एवं कार का सामान निकाल कर करते क्या है?
क्या ऐसा सिर्फ जालंधर के नई बारादरी थाने में होता होगा या जालंधर के सभी थानों में ?