दरभंगा : राज्य सरकार के तमाम दावों के बावजूद सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही है. ताजा मामला डीएमसीएच का है. यहां गैनिक वार्ड में चिकित्सकों की लापरवाही के कारण एक मरीज की जान दाव पर लग गई. वहीं, हालत बिगड़ता देख मरिज के परिजन उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए।
दरअसल, 21 दिसंबर को मो. तारिक अहमद अंसारी अपनी पत्नी जीनत को डिलेवरी के लिए डीएमसीएच के गायनिक विभाग में भर्ती कराए. यहां डॉ. शशि बाला प्रसाद के यूनिट में सिजिरियन ऑपरेशन के जरिए एक बच्ची का जन्म हुआ. हालांकि, जन्म के तीन दिन बाद बच्ची की मौत हो गई. वहीं, शनिवार को महिला के ऑपरेशन का टाका टूट गया. इसपर परिजन ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया.
दरभंगा के जाले थाने में कार्यरत तारिक अहमद असांरी ने बताया कि उनके नवजात के फेफड़े में पानी हो गया था, जिसका उचित ईलाज नहीं होने के कारण उनकी मौत हो गई. उन्होंने चिकित्सकों पर आरोप लगाया कि उचित देखभाल नहीं होने के कारण उनके पत्नी के ऑपरेशन की जगह से पश आने लगा था. फिर आज उसका टाका भी टूट गया.
तारिक अहमद ने कहा कि इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हमारी पत्नी की तबियत लगातार खराब हो रही है. हम पहले ही अपने बच्चे को खो चुके है. अब पत्नी को खोना नहीं चाहते है. इसीलिए हम अपनी पत्नी को निजी अस्पताल में ले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां मरीज भगवान भरोसे हैं.
इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें भी इसकी जानकारी मिली है. इसको लेकर तीन सदस्यीय जांच कमिटी गठित की गई है. जिसमें अस्पताल उपाधीक्षक, गैनिक वार्ड के विभागाध्यक्ष और एक सर्जन को रखा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.