अमीनाबाद में विवेकानन्द की प्रतिमा पर हुआ माल्यार्पण
परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और महापौर रहीं मौजूद
लखनऊ।11 सितम्बर 1893 को अमेरिका के शिकागो शहर के धर्मसम्मेलन में स्वामी विवेकानन्द जी ने विश्व को प्राचीनतम संस्कृति और हिन्दू धर्म के विराट स्वरूप के बारे में बताया। स्वामी विवेकानन्द के इस भाषण के 125 वर्ष पूर्ण होने पर श्री चित्रगुप्त कायस्थ जनकल्याण समिति की ओर से झण्डेवाला पार्क अमीनाबाद में स्मृति समारोह का आयोजन किया। कार्यक्रम झण्डेवाला पार्क में स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शुरू हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि संसार में संन्यासी से बड़ा कोई नही होता है। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के जीवन से मानव को कर्म और कर्तव्य की प्रेरणा मिलती है। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने बताये गये मार्ग पर चल कर ही आतंकवाद और नक्सलवाद की समस्या को समाप्त किया जा सकता है।
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कार्यक्रम के आयोजक पूर्व नेता विधान परिषद विन्ध्यवासिनी कुमार ने शिकागो में स्वामी विवेकानन्द जी द्वारा दिये गये भाषण का उल्लेख किया। जिसमें स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि मुझको ऐसे धर्मावलम्बी होने का गौरव प्राप्त है। जिसने देश को सहिष्णुता और सब धर्मो को मान्यता प्रदान करने की शिक्षा दी है। कार्यक्रम में महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने नर सेवा को ही ईश्वर की सेवा बताया है।
कार्यक्रम में भाजपा की क्षेत्रीय मंत्री जयति श्रीवास्तव, रमेश तूफानी, मंडल अध्यक्ष शैलू सोनकर, अधिवक्ता गिरिश सिन्हा, राजकुमार, राकेश भार्गव, राजीव, जितेन्द्र राजपूत आदि गणमान्य लोगो ने स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर माल्र्यापण किया गया।