दरभंगा : बीएड कोर्स फिर से एक साल का हो सकता है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) एनसीटीई रेगुलेशन-2014 की समीक्षा कर रहा है। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसपर एनसीटीई ने कॉलेज प्रबंधन एवं आम लोगों से इस मुद्दे पर राय मांगी है।
एनसीटीई ने एक हफ्ते पहले जारी अपने पत्र में कहा है कि 2014 रेगुलेशन की कमियों को दूर करने, उसमें सुधार करने तथा कुछ नियमों को बदलने को लेकर कमेटी बनाई गई है। कमेटी बीएड के दो साल के कोर्स के अनुभव सहित, मामले में हुए कोर्ट केस तथा विभिन्न माध्यमों से मिले सुझावों को आधार बनाकर बीएड की अवधि को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी।
इसके लिए कॉलेज प्रबंध समितियों, प्राचार्यों और आमलोगों की राय लेना भी जरूरी है। कमेटी का कहना है कि बीएड के अलावा एनसीटीई रेगुलेशन 2014 के अन्य प्रावधानों की भी समीक्षा की जाएगी।
कमेटी का मानना है कि 2014 से पहले बीएड कोर्स एक साल का होता था, जबकि 2014 रेगुलेशन में इसे दो साल का किया गया जिसके बाद इस फैसले पर विवाद छिड़ गया है।
इस बारे में निजी और सरकारी कॉलेजों की राय भी अलग-अलग हो गई। इन्हीं बहस के बीच एनसीटीई ने अब पूरे रेगुलेशन की समीक्षा की बात कही है। कमेटी ने 30 अक्टूबर तक कॉलेज प्रबंधन व आम लोगों से राय मांगी गई है जिसके आधार पर एनसीटीई अब यह फैसला करेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में कॉलेजों के प्राचार्यों और प्रबंध समिति के पदाधिकारियों ने एनसीटीई को राय भेजनी शुरू भी कर दी है।
बता दें कि एनसीटीई की ओर से बीएड कोर्स की अवधि दो साल करने के बाद इसमें दाखिला लेनेवालों की संख्या कम हो रही थी। निजी कॉलेजों में खासकर छात्र नहीं जा रहे थे। इस वजह से कॉलेजों ने विरोध भी किया था। अब इस मामले की समीक्षा में यह पहलू भी रखा गया है कि इस फैसले के लागू करने से क्या फायदा हुआ और क्या नुकसान।