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बाढ़ Live :: बिहार के 17 प्रभावित जिलों में अब तक 164 लोगों की मौत, देखें बाढ़ का कहर पल-पल अपडेट

डेस्क : उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है.दरभंगा- हायाघाट नदी में पानी के बढ़ते दबाव के कारण दरभंगा समस्तीपुर रेल परिचालन को अगले आदेश तक के लिए बंद किया गया. दरभंगा शहर के कई मुहल्लों में तीन से चार फुट पानी है, वहीं मुजफ्फरपुर शहर के निचले इलाकों में भी पानी प्रवेश कर गया है. सीतामढ़ी, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में भी स्थिति भयावह है. 24 घंटे के दौरान 47 लोगों की मौत हो गयी. अब तो सांप काटने से भी मौतें होने लगी हैं। मोतिहारी के बंजरिया में नाव पलट गयी. इसमें चार लोगों को बचा लिया गया, जबकि चार लापता हैं. वहीं सीमांचल के जिलों में पानी कम होने के साथ ही बाढ़ से तबाही का मंजर दिखने लगा है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ से अब तक 164 लोगोें की मौत हो चुकी है. दरभंगा जिले में बाढ़ लगातार विकराल होती जा  रही है.

बाढ़ का कहर : पल-पल की लाइव अपडेट

02 : 50 PM – दरभंगा- हायाघाट नदी में पानी के बढ़ते दबाव के कारण दरभंगा समस्तीपुर रेल परिचालन को अगले आदेश तक के लिए बंद किया गया. 

02 : 45 PM – मुजफ्फरपुर शहर पर बाढ़ के खतरे को लेकर जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, नदी के तटवर्ती इलाके के पास बसे लोग घर छोड़कर निकले, कुछ ने बनाया छत पर ठिकाना.

02 : 40 PM – मुजफ्फरपुर शहर पर बाढ़ का खतरा, निचले इलाकों की पचास हजार से ज्यादा आबादी बूढ़ी गंडक के जल से घिरी, नदी का पानी 2 सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ रहा है, लगातार.

02 : 25 PM – दरभंगा में पिंडारुच हाइस्कूल चौक के निकट स्टेट हाइवे-75 को राहत सामग्री नहीं मिलने से गुस्सा हुए लोगों ने बांस-बल्ला के साथ जाम कर दिया, सैकड़ों गांव बने टापू. 

02 : 20 PM – मधुबनी में एनडीआरएफ की टीम ने गर्भवती महिला को बचाया, बेनीपट्टी के पाली गांव से महिला को निकाला गया, अस्पताल में कराया भर्ती.

01 : 50 PM -चिरैया – बाढ़ के पानी में डूबने से एक बच्चा की मौत हो गयी है. मृतक बालक थाना क्षेत्र के पटजिलवा गांव निवासी बिंदा सहनी के पुत्र धीरज कुमार, उम्र 6 वर्ष बताया जा रहा है.

01 : 45 PM – मोतिहारी : शहर के बेलबनवा मोहल्ला में पानी में डूबने से दो सहोदर भाई आर्यन कुमार मिश्रा व आयान कुमार मिश्रा की मौत हो गयी है. दोनों उपेंद्र मिश्रा के पुत्र बताये जा रहे हैं.

01 : 41 PM – पीपराकोठी के जीवधारा मुसहरी टोला में बाढ़ के पानी में डूबने से एक बालक की मौत हो गयी है,  मृतक जीवधारा निवासी मो रफीक अंसारी का दस वर्षीय पुत्र मो फरहान है. वह बाढ़ का पानी देखने मुसहरी टोला में गया था. जहां डूबने से उसकी मौत हो गयी.

01 : 32 PM –  गया जिले के बोध गया में बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष प्रार्थना की.

01 : 28 PM – दिल्ली- बिहार में बाढ़ग्रस्त इलाकों में तबाही को लेकर विरोध प्रदर्शन, बिहार भवन के आसपास दिल्ली पुलिस और CRPF जवानों को लगाया गया.

01 : 20 PM -मधुबनी-बिस्फी के भैरवा गांव में बिजली विभाग के जेई को ग्रामीणों ने पीटा, भैरवा गांव में खराब पड़े ट्रांसफार्मर देखने गए थे जेई.

01 : 00 PM – राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 119 से बढ़कर अब 164 तक पहुंच गयी है. अररिया में सबसे ज्यादा 30 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 11, पूर्णिया में नौ, कटिहार में सात, पूर्वी चंपारण में 11, पश्चिमी चंपारण में 23, दरभंगा में चार, मधुबनी में आठ, सीतामढ़ी में 13, शिवहर में तीन, सुपौल में 11, मधेपुरा में नौ, गोपालगंज व सहरसा में चार-चार, मुजफ्फरपुर में एक, खगड़िया में तीन तथा सारण में दो व्यक्ति की मौत हुई है.

12 : 40 PM – सूबे में गत 24 घंटे के अंदर 26 से ज्यादा लोगों की मौत, मोतिहारी में बाढ़ के पानी डूबकर मरा युवक.

12 : 35 PM – गोपालगंज में गंडक नदी पर बने तटबंध के 50 फुट के दायरे में टूटने के बाद, गोपालगंज के अलावा सारण जिले में भी पानी प्रवेश कर जाने से स्थिति नाजुक हो गयी है.

12 : 30 PM – बिहार और नेपाल के कई इलाकों में बारिश कमजोर होने की वजह से कोसी, सीमांचल, चंपारण और सीतामढ़ी में हालात स्थिर.

12 : 25 PM – बिहार में बाढ़ से हाहाकार बूढ़ी गंडक और बागमती नदी में उफान की वजह से मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में स्थिति गंभीर, नदी के पेट में बने घरों की हालत खराब.

12 : 05 PM – मोतिहारी के पतौरा मे शुक्रवार की रात बाढ़ के पानी में डूबकर मरे युवक के रोते बिलखते परिजन, ट्रैक्टर से शव लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पहुंचा प्रशासन.

11 : 42 AM – पटना- आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत,विनय कुमार और अमृत लाल मीणा एरियल सर्वे के लिए रवाना, पूर्णिया और किशनगंज के लिए हुए रवाना.

11 : 19 AM – पटना- बाढ़ पीड़ितों के लिए भाजयुमो करेगा 2 बजे से पटना के विभिन्न सड़कों पर भिक्षाटन, भाजपा युवा प्रदेश अध्यक्ष नितिन नवीन के साथ मौजूद रहेंगे कार्यकर्ता.

11 : 02 AM – पश्चिम चंपारण के सिकटा में बाढ़ पीड़ितों के लिए कंधे पर राहत सामग्री लेकर जाते बिहार सरकार के गन्ना उद्योग व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज आलम.

10 : 27 AM -मोतिहारी : बाढ़ पीड़ितों ने टायर जला चांदमारी-बलुआ मुख्य सड़क को जाम कर प्रशासन के विरुद्ध की नारेबाजी. राहत नहीं मिलने से नाराज है पीड़ित.

10 : 10 AM – मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक से निकल रहा पानी, शहर के निचले इलाकों में फैलना शुरू.

10 : 02 AM – मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक दिखा रही है अपना रौद्र रूप लोगों का अपने घरों से पलायन शुरू

09 : 50 AM –  सहरसा जिले की सलखुआ अंचल क्षेत्र के चानन गांव के सामने कोसी नदी कछार की है. बसंत चौधरी की प्रसूता पत्नी पूनम देवी को पीड़ा होने पर कोसी नदी पार करने के लिए न तो सरकारी नाव मिली. न ही अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस. मजबूरन 600 रुपये में नाव भाड़े पर लेकर नदी पार की. मरीज को खाट पर लाद कोसी बांध पर पहुंचे. वहां से 400 रुपये में ऑटो भाड़ा कर सलखुआ अस्पताल ले जाया गया.

पानी ही पानी, बाढ़ का कहर

पटना में पुनपुन नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रति घंटा पांच सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है। पुनपुन घाट पर जलस्तर 51.50 मीटर हो गया है, जबकि खतरे का निशान 49.50 मीटर है। गंगा के जलस्तर में भी वृद्धि हुई है। दीघा से सटी बस्ती बिंद टोली जलमग्न है। जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने पुनपुन का जलस्तर बढऩे पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

पीडि़तों की परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहत सामग्रियों के सघन वितरण का निर्देश दिया है। अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करके सीएम ने किशनगंज से बहादुरपुर होकर अररिया जाने वाली सड़क को रातों-रात ठीक करने का निर्देश दिया है। यह सड़क राहत कार्य चलाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। 

कृषि विभाग के प्रधान सचिव को विशेष प्रमंडलीय आयुक्त बनाकर पूर्णिया भेजा गया है। मुख्यमंत्री खुद 21 अगस्त को सभी संबंधित विभागों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे।

कोसी के कटाव से घबराए गोगरी प्रखंड के ग्रामीणों ने बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों को लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर आधे घंटे तक बंधक बना लिया। इनमें फ्लड कंट्रोल अध्यक्ष, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता व सहायक अभियंता भी शामिल हैं।

पानी घटा, कटाव बढ़ा
गंडक के जलस्तर में कमी आई है। फिर भी धनहा गौतम बुद्ध सेतु के निचले हिस्से में दबाव बना हुआ है। पूर्वी चंपारण में मोतिहारी-पकड़ीदयाल मार्ग पर आवागमन बंद है। जोगबनी से फारबिसगंज तक रेल व सड़क मार्ग बंद है। खगडिय़ा में बागमती और कोसी का पानी थोड़ा कम हुआ है। फिर भी दोनों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

राहत शिविरों में अव्यवस्था

राहत शिविरों की अव्यवस्था भी सामने आ रही है। न पेयजल है, न ही बच्चों के लिए दूध। तीन लाख आबादी वाला टेढ़ागाछ प्रखंड अभी भी प्रशासन की पहुंच से दूर है। सेना के जवानों द्वारा हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री गिराई गई है। कटिहार के एक शिविर में पीडि़तों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके विरोध में पीडि़तों ने सड़क जाम कर दिया। सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर में पीडि़तों का सर्वेक्षण करने पहुंचे कर्मियों को मारपीट कर बंधक बना लिया गया।

गोपालगंज के हालात भयावह

गोपालगंज में बाढ़ की स्थिति अभी भी विकराल है। बचाव के लिए सेना बुला ली गई है। दो दर्जन नए गांवों में गंडक का पानी फैल गया है। सिधवलिया प्रखंड मुख्यालय भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। बैकुंठपुर, कुचायकोट तथा सदर प्रखंड में पानी घटा है, लेकिन छपरा जिले के छह प्रखंड भी पानी से घिर गए हैं। 

कटिहार से गुजरने वाली तीनों बड़ी नदियों का जलस्तर शुक्रवार को भी खतरे के निशान से ऊपर है। महानंदा, कोसी और गंगा का तेवर थोड़ा कम जरूर हुआ है, किंतु खतरे नहीं। मनिहारी और अमदाबाद में पानी तेजी से फैल रहा है।

बिहार मांगेगा केंद्र से मदद
बाढ़ से तबाही और क्षति की भरपाई के लिए बिहार केंद्रीय मदद की मांग करेगा। आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी संबंधित विभागों से नुकसान की रिपोर्ट मांगी है। इसी के आधार पर ज्ञापन तैयार किया जाएगा, जिसे गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके बाद केंद्रीय टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। अभी सेटेलाइट के जरिए बाढ़ प्रभावित इलाकों की तस्वीरें ली जा रही हैं। 

17 जिले प्रभावित
किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, सीतामढ़ी, सारण, दरभंगा, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सहरसा, खगडिय़ा।

सरकारी फैक्ट फाइल

लोगों की मौत : 153

पशुओं की मौत : 27

प्रभावित आबादी : 1.08 करोड़

प्रभावित प्रखंड : 156

चपेट में पंचायत : 1688

सुरक्षित निकाले गए : 4 लाख 64 हजार 610

राहत शिविर : 1289

शरणार्थी : 3 लाख 92 हजार 654

सामुदायिक किचेन : 1765

घर बर्बाद : 13710

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