लखनऊ(राज प्रताप सिंह)-उत्तर प्रदेश में कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। और इन मदरसों को फंड कहां से मिल रहा है स्टेट मशीनरी को इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार ने एक अहम फैसले के तहत शुक्रवार 18 अगस्त से प्रदेश के सभी मदरसों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। राज्य सरकार ने ये फैसला मदरसों में चल रहे अवैध गतिविधियों और करप्शन को रोकने के लिए लिया है। उत्तर प्रदेश में मदरसों के प्रबंधन में कई महीनों से गड़बड़ी की शिकायत आ रही थी। 15 अगस्त को मदरसों में उ ०प्र ० राष्ट्रीय ध्वज को फहराना अनिवार्य करने के बाद मदरसों से जुड़ा राज्य सरकार का ये दूसरा बड़ा और अहम फैसला है। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। और इन मदरसों को फंड कहां से मिल रहा है स्टेट मशीनरी को इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी। इसके अलावा मदरसों में पढ़ाई जाने वाली शिक्षण सामग्री भी कई बार विवादों के साये में आ गई थी। राज्य सरकार ने मदरसों के संचालन में आ रही इन शिकायतों को सुनने के बाद ये फैसला लिया है।
उत्तर प्रदेश में कई मदरसे ऐसे हैं जो राज्य सरकार से आर्थिक सहायता पाते हैं और उन्हें कई दूसरे स्रोतों से पैसा मिलता है। सरकार इन पर निगाह रखना चाह रही है। उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों के प्रबंधन का एकसूत्रीकरण करना चाहती है, ताकि मदरसों की पूरी गतिविधियों पर राज्य सरकार की निगाह रहे। योगी सरकार के इस फैसले पर एनसीपी नेता माजिद मेमन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि योगी सरकार वैसे ही कदम उठा रही ही है जिससे राज्य में साम्प्रदायिक सौहार्द्र की भावना बिगड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को मदरसों को अलग आईने में नहीं देखना चाहिए!!