दरभंगा : शिक्षक कैंडल की तरह होते हैं जो खुद जलकर बच्चों के जीवन के अंधकार को मिटाकर उनके भविष्य को प्रकाशमान करते हैं ताकि उन्हें अपने लक्ष्य को पूरा करने में कामयाबी मिल सके. कामयाबी की पहली शर्त है सकारात्मक सोच. क्योंकि, सकारात्मक विचारों की मदद से हम सिर्फ अच्छाई को खोजते हैं. अच्छाई खोजेंगे, तभी कामयाब होंगे. क्योंकि नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति हर चीज का बारीकी से मूल्यांकन करने में असमर्थ होता है.शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मैट्रिक गुरू नितिन कुमार ने डा. राधाकृष्णन के व्यक्तित्व की चर्चा करने के साथ साथ अपने संबोधन में उक्त बातें कही.
कार्यक्रम के सफल आयोजन में रिषु राज, रवि, राबिया नाज,खालिदा नाज,सरफराज,राहुल,कोमल,विक्की,जाहिद,फरहीन,रौशन,जिशान सहित कई छात्र छात्राओं ने अहम भूमिका अदा की.
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