पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को राज्य बदर करने की मांग की है. शहाबुद्दीन और सुशासन साथ-साथ नहीं चल सकते.
मोदी ने कहा कि शहाबुद्दीन पर जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रचने, गवाहों को धमकाने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या उनके जेल से बाहर रहते पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की निष्पक्ष जांच और राजीव रौशन हत्याकांड सहित अन्य मामलों का ट्रायल संभव हैं?
उन्होंने पूछा कि शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आते ही दहशत में जी रहे राजीव रौशन और पत्रकार राजदेव रंजन के परिजनों की क्या सरकार सुरक्षा सुनिश्चित करेगी? सुशील ने पूछा कि क्या राजीव रौशन हत्याकांड में शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ सरकार उच्च न्यायालय के युगल पीठ में अपील करेगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि शहाबुद्दीन के आतंक की वजह से 2006 में सरकार को उसके मामलों की सुनवाई के लिए जेल में ही विशेष न्यायालय गठित करने का निर्णय लेना पड़ा था.
सुशील ने शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाए जाने की अपनी मांग को दोहराया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि इस प्रक्रिया पूरी होने तक क्या वे उन्हें बिहार से बदर करेंगे?
उन्होंने शहाबुद्दीन को आतंक का पर्याय बताते हुए पूछा कि उनको भागलपुर से सीवान तक सैंकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ जुलूस निकालने की अनुमति कैसे मिली?
काफिले की सैकड़ों गाड़ियों से टोल नाकों पर टैक्स क्यों नहीं वसूला गया? सुशील ने यह भी पूछा कि क्या शहाबुद्दीन के ‘आतंक के प्रदर्शन’ पर सरकार अविलम्ब सख्ती से रोक लगायेगी?
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि शहाबुद्दीन और सुशासन साथ-साथ नहीं चल सकता है, आपको किसी एक को चुनना पड़ेगा.