दरभंगा : हावीडीह में निर्दोष वंचित शोषित लोगों पर पुलिस फायरिंग की घटना घोर निन्दनीय और मुगलिया शासन की याद ताजा करती है। यह घटना पुलिस प्रशासन की विफलता का परिणाम दर्शाती है।लगातार बहुसंख्यकों के पूजा पाठ और उनके संस्कृति पर पुलिस प्रशासन के संरक्षण में प्रहार की जा रही हैं। मुरिया के जन्माष्टमी मूर्ति विसर्जन-हाविभौआर में नवाह शोभा यात्रा-केवटी में मंदिर परिसर में घर जला देना जैसे कई घटना को अंजाम दिया जा चुका हैं। प्रशासन द्वारा आरोपियों को बचाने का कार्य किया गया। उपर्युक्त बातें अशोक नायक ने कहते हुए कई प्रश्न भी उठाये।
हावीडीह में विवादित जमीन पर पुलिस प्रशासन क्यों जबर्दस्ती लाश दफ़नाने का काम किये ?
समय रहते क्यों नहीं विवाद को सुलझाने की प्रयास किया गया ?
निर्दोष लोगों पर एक तरफ़ा लाठी गोली क्यों चलाई गई ?
क्या नीतीश सरकार बहुसंख्यकों पर बर्बरतापूर्वक अत्याचार करने की फरमान जारी कर दी है ?
वहीं बेनीपुर जदयू विधायक लगातार एक तरफ़ा ब्यान दे कर अपराधियों को संरक्षण दे रहें हैं और वो तुष्टीकरण को बढ़ावा देना बंद करें।
न्यायिक जाँच की मांग
नीतीश सरकार की तुष्टिकरण नीति का पालन यहाँ का प्रशासन पक्षकार बनकर एकपक्षीय कार्रवाई की एवं महादलितों पर कार्बाइन से गोलियों की बौछार की गई ,जिसमें विजय राम की मौत व कई गम्भीर रूप से घायल हो गये,सरासर सरकार के इशारे पर बहुसंख्यक समाज को प्रताड़ित करने की चरणबद्ध योजना चल रही है। लगातार घट रही घटनाओं से पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता संदेह के घेरे में हैं। सभी घटनाओं की न्यायिक जाँच हो।