बिहार के बहुचर्चित सीवान तेजाब कांड में पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज अजय कुमार श्रीवास्तव का ट्रांसफर सीवान से पटना हो गया है.
दरअसल हाईकोर्ट से बाहुबली शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के बाद ही जज अजय कुमार ने अपने ट्रांसफर करने की गुहार लगाई थी. शहाबुद्दीन को तेजाब कांड के गवाह की हत्या मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट से सात सितंबर को जमानत दे दी थी जबकि जज के गुहार को गंभीरता से लेते हुए पटना हाईकोर्ट ने 9 सितंबर को उनका ट्रांसफर भी कर दिया.
जज के तबादले को लेकर बिहार में राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को घेरा है तो सत्तारूढ़ दल जे़डीयू की तरफ से किसी को न डरने की सलाह दी गई है. भाजपा प्रवक्ता विनोद नारायण झा ने कहा कि जज साहब खुद अपने ट्रांसफर की बात कर रहे हैं क्योंकि सीवान में दहशत का माहौल बना हुआ है.
बीजेपी ने कहा कि शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही देने वाले गवाहों का क्या हाल होगा आप समझ सकते हैं. दूसरी ओर जेडीयू के नेता अजय आलोक ने भी माना है कि सीवान में दहशत का माहौल है और इस बात की पुष्टि सीवान के डीएम और एसपी ने कर दी है.
आलोक ने कहा कि इन्हीं बातों को देखते हुए सरकार शहाबुद्दीन के जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी गयी है और सीवान में रह रहे किसी भी शख्स को डरने की जरूरत नहीं है. सीवान के एसिड अटैक केस के इकलौते गवाह की हत्या के मामले की सुनवाई सीवान कोर्ट में हुई थी. तब जज अजय श्रीवास्तव ने 11 दिसंबर 2015 को सीवान कोर्ट ने तेजाब कांड में शहाबुद्दीन को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी.