राज प्रताप सिंह,ब्यूरो लखनऊ
लखनऊ।शिवपाल यादव का समाजवादी सेकुलर मोर्चा अब समाजवादी पार्टी के प्रति खासा आक्रामक हो गया है। मोर्चे का कहना है कि उसके व सपा के रास्ते अलग-अलग हैं। यही नहीं सपा नेतृत्व को नसीहत भी दी है कि वह अपने जनाधार को बचाने व साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ने में मोर्चे का सहयोग करें।
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मोर्चे के प्रवक्ता दीपक सिंह व अभिषेक सिंह आशु ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर यह बात कही। इन नेताओं ने कहा कि शिवपाल सिंह यादव को मिल रहे जनसमर्थन से विपक्षियों में बौखलाहट है। सपा शीर्ष नेतृत्व शिवपाल व मोर्चा की छवि धूमिल करने की कोशिश शुरू कर रहा है। शिवपाल के प्रयासों से भाजपा को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन बन चुका था, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा, शरद यादव, लालू यादव, अजीत सिंह जैसे नेताओं ने नेताजी को अपना अध्यक्ष मान लिया था। इसकी झलक नेताजी व शिवपाल के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में पूरे देश ने देखी थी। तब किसने महागठबंधन को तोड़ा था और क्यों? भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त हो चुके फैजाबाद के एक स्थानीय नेता व सपा प्रवक्ता ने शिवपाल पर अनर्गल व तथ्यहीन आरोप लगाए हैं। अयोध्या ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में जो विकास कार्य हुए हैं उसकी धुरी शिवपाल थे। सेक्युलर मोर्चे का गठन नेता जी के आशीर्वाद से उन्हीं की उपेक्षा से व्यथित होकर किया गया है। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा शीघ्र ही समाजवादी मूल्यों को बचाने के लिए व्यापक अभियान का सूत्रपात करेगी।