पटना : ललिता एजुकेशनल सोसायटी के द्वारा मेडिकल एडूकेशन चुनौतियां, विकल्प और संभावनाएं विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री एवं चीन के कई विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध डॉ. पार्थ सारथी गांगुली ने इस सम्बन्ध में बिहार के स्कूलों, कालेजों और विभिन्न संस्थानों के शिक्षकों को सम्बोधित किया।
इस मौके पर प्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ पार्थ सारथी गांगुली ने कहा कि देश में कुशल चिकित्सकों की मांग बढ़ रही है और भारतीय मेडिकल कॉलेज इस मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में चीन जैसे देशों में उपलब्ध मेडिकल कॉलेज भारतीय छात्रों के लिए बेहतर विकल्प हो सकते है। उपमहाद्वीप के इस हिस्से में चीन एक ऐसा देश है जहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या काफी ज्यादा है। शुरुआत के दौर में जब चीन के कुछ प्रोफेसरों से बातचीत के दौरान ये सवाल उठा कि बच्चे पढ़ाई के लिए चीन क्यों नही आते? अक्सर ये डर रहता है कि भाषा या पढ़ाई का तरीका अलग होगा, लेकिन चीन में पढ़ाई जाने वाली किताबें वही हैं जो भारत में हैं। इसके अलावा डिसीस पैटर्न और मानव शरीर जिसकी पढ़ाई हो रही है वो भी एक ही है।
आज की तारीख में भारत सहित 24 अलग अलग देशों से छात्र स्वरस्ती ऑनलाइन डॉटकॉम के जरिये चीन के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा छात्र क्रमशः भारत, बांग्लादेश और नेपाल से है।
भारत से कई छात्रों के चीन जाने का एक कारण भोगौलिक एवं सांस्कृतिक परिवेश का तकरीबन जैसा होना भी है। इसके अलावा मेडिकल की पढ़ाई वहां 6 वर्षों में पूरी होती है जिसमें भारत जैसे देशों में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए होने वाले टेस्ट पहले से ही शामिल रहती है।
सरस्वती ऑनलाइन डॉटकॉम के माध्यम से सन 2000 में उन्होंने चीन के मेडिकल कॉलेजों से संपर्क साधना शुरू किया। सन 2004 में उनका पहला बैच जिसमें भारत से 77 और नेपाल से 16 छात्र थे, उनको लुओ मेडिकल कॉलेज दाखिला मिला।
इस माध्यम के तहत 2004 से लेकर अबतक सरस्वती ऑनलाइन डॉटकॉम 6000 से अधिक छात्रों को चीन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में मेडिकल के पढ़ाई के लिए दाखिला दिलवा चुका है। इस संस्था का चीन के 6 मेडिकल कॉलेजों से सीधा सम्बन्ध है जहां इनके द्वारा ही छात्रों का दाखिला होता है।
आज की तारीख में भारत सहित 24 अलग अलग देशों से छात्र स्वरस्ती ऑनलाइन डॉटकॉम के जरिये चीन के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा छात्र क्रमशः भारत, बांग्लादेश और नेपाल से है।
इस अवसर पर पटना के लगभग 10 मेडिकल संस्थानों की तैयारी कवाने वाले संस्थाओं के छात्र और शिक्षकों के साथ ही लगभग 150 लोगों ने हिस्सा लिया।