-स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर व नर्शो की कमी के कारण हो रही असुबिधा
-सप्ताह में 2 दिन ही होता है एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड
उमेश सैनी
लखनऊ।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटौजा में प्रधानमंत्री मातत्व सुरक्षा योजना में जानकारी का अभाव इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटौजा में रात में इमरजेंसी महिला सर्जन डॉक्टर नहीं है।पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता मोहम्मद अकील खान ने कहा बताया कि लेबर रूम में नर्सों की बेहद कमी है।स्वीपर की कमी के कारण साफ सफाई के नाम पर फर्ज अदायगी होती है।और एक ही महिला सर्जन डॉक्टर के सहारे शिविर और ओपीडी की जिम्मेदारी रहती है। जिस कारण महिला मरीजों को अच्छी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। व अतिरिक्त डॉक्टरों की व्यवस्था भी नहीं है इटौजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी प्रकार के जांचे भी नहीं हो पाती हैं स्वास्थ्य केंद्र में अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे सप्ताह में एक दिन या 2 दिन ही होता है। पूरे ग्रामीण क्षेत्र से हजारों की संख्या में पुरुष महिलाएं बच्चे अपने स्वास्थ्य का इलाज कराने के लिए इटौजा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र आते हैं।लेकिन उनको निराशा ही हाथ लगती है।और इटौजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सीधे उनको रिफर बीकेटी स्थित साढ़ामऊ राम सागर मिश्रा 100 सैया के लिए कर दिया जाता है।रात के समय इमरजेंसी में मरीजों का कोई भी देखभाल इटौजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं रहता है।ग्रामीण क्षेत्र का किसान मजदूर और ग्रामीण दवा इलाज के अभाव में और गरीबी के कारण लखनऊ शहर में अपना इलाज कराने में असमर्थ रहते हैं। और समुदायिक स्वास्थ्य इटौजा में दवाइयों का हमेशा टोटा रहता है। कोई भी समय से दवा नहीं मिल पाती है और डॉक्टर मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर से दवा लिख देते हैं जिससे किसान मजदूर गरीब दवा लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खाता है।और आखिर में अपना दम तोड़ देता है।स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण इटौजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गरीबों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता मोहम्मद अकील खान ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जनाब योगी आदित्यनाथ साहब से और स्वास्थ्य मंत्री साहब से यह मांग की हैं कि इटौजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की समस्याओं को और डॉक्टरों की कमी और नर्सों की कमी को और दवाई की कमी को जल्द से जल्द दूर करने की मांग की है। जिससे क्षेत्रवासियों को अपने स्वास्थ्य के इलाज के लिए प्राइवेट डॉक्टर और झोलाछाप डॉक्टरों से निजात मिल सके