पटना (संजय कुमार मुनचुन) : कांस्टेबल स्नेहा कांड की सीबीआई से जांच की मांग और मुजफ्फरपुर में चमकी बीमारी से 175 बच्चों की मौत मामले में जनतांत्रिक विकास पार्टी द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज किया, जिसमें सैकड़ों नेता व कार्यकर्ता घायल हो गए। प्रदर्शन के दौरान पटना पुलिस ने प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार और कांस्टेबल स्नेहा के पिता विवेकानंद मंडल पर भी लाठी से जानलेवा हमला किया, जिसमें वे घायल हो गए। पुलिस के इस बर्बरतापूर्ण रवैये की जनतांत्रिक विकास पार्टी ने घोर निंदा की और पुलिस के इस दमनकारी कृत्य को लोकतंत्र पर हमला बताया।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में जविपा अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार और उनकी पुलिस का जोर अपराधियों पर तो चलता नहीं है, बस शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर ही उनकी लाठी चलती है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने 15 सालों में बिहार को सिर्फ ठगने का काम किया है। सही मायने में ये राक्षस कुमार हैं, जो प्रदेश की जनता को धोखा देकर राक्षस राज चलाना चाहते हैं।
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उन्होंने कहा कि हमने स्नेहाकांड (सीवान पुलिसकर्मी) में सीवान एस.पी की संलिप्तता एवं कुकृत्यों की लीपापोती बंद कर सीबीआई से जांच और मुजफ्फरपुर में चमकी बीमारी से 175 बच्चों से अधिक हर जाति के गरीब मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत में दवा एवं अस्पताल की कुव्यवस्था तथा बाहर से डॉक्टर नहीं लाकर सेवा नहीं लेना सरकार की घोर लापरवाही के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री का घेराव कर रहे थे, तभी नीतीश सरकार की तानाशाही देखने को मिली और उन्होंने निर्दोष व निहत्थे नेताओं व कार्यकर्ताओं पर बर्बतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज कर बता दिया कि राज्य में कुशासन की सरकार चल रही है।
अनिल कुमार ने कहा कि हमारी जनतांत्रिक विकास पार्टी द्वारा अपने कई प्रतिवेदन देने के बावजूद राज्य सरकार की संवेदनहीनता से जनता में भारी रोष है । 3 जुलाई, 2019 को आपको पुनः स्मरण दिलाने के लिए आपके समक्ष गर्दनीबाग ,पटना में जनता ने विशाल धरना दिया था और मुख्यमंत्री सचिवालय में स्मार-पत्र हस्तगत करवा दिया गया था। साथ ही धरनार्थियों ने यह सर्वसम्मत निर्णय लिया था कि निम्नलिखित दो ज्वलंत मुद्दों पर सरकार संतोषजनक कार्रवाई नहीं करेगी तो दो हफ्तों के बाद 16 जुलाई, 2019 को लाचारवश मुख्यमंत्री जी का घेराव किया जाएगा।
उन्होंने कि स्नेहाकांड (सीवान पुलिसकर्मी ) में ध्यान देने योग्य बातें – पंखे से लटककर आत्महत्या करने के बावजूद घटनास्थल पर खून का होना, स्नेहा के परिजनों को घटना की सही जानकारी नहीं देना साथ ही उन्हें घटनास्थल पर नहीं बुलाना, पुलिस द्वारा कथित स्नेहा के लाश को परिजनों एवं ग्रामीणों द्वारा स्नेहा का लाश होने से अस्वीकार करने पर जबरदस्ती बंधक बनाकर दाह संस्कार करवाना हैं।
इन तीनों घटनाएं से साबित होता है कि इसमें बहुत बड़ी साजिश है और ये तभी पर्दाफाश होगा जब इस मामले की सीबीआई जांच होगी। इसके अतिरिक्त राज्य के अंदर, सीवान, लखीसराय, मुंगेर, छपरा, बेतिया, में महिलाओं के साथ बलात्कार कर हत्या की जांच कर मामले को प्रकाश में लाया जाए।
इसके अलावा मुजफ्फरपुर में चमकी बीमारी से 175 बच्चों से अधिक हर जाति के गरीब मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत में दवा एवं अस्पताल की कुव्यवस्था तथा बाहर से डॉक्टर नहीं लाकर सेवा नहीं लेना सरकार की घोर लापरवाही दर्शाता है और संवेदनहीनता स्पष्ट दिखाई देती है। लगभग 15 साल से आपकी सरकार है और हर साल सैकड़ों की तादाद में मासूम बच्चों की मौत हुई फिर भी उन मासूमों एवं उनके परिजनों की चीख पुकार आपके कानों तक नहीं पहुंची।
जब – जब चुनाव आता है केंद्र और राज्य की सरकारें बड़ी – बड़ी घोषणाएं करती है किन्तु अस्पतालों में योग्य डॉक्टरों का ना होना ,इलाज ना हो पाना ,मासूमों की मौत हो जाना इन सभी तथ्यों से यही स्पष्ट होता है कि सभी लोग बस घोषणा मंत्री है जिनका कोई भी घोषणा धरातल पे नहीं उतरता है।
उन्होंने कहा कि इसलिए स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों की कुव्यवस्था को सुधारते हुए सभी मृतक बच्चों के परिवार को दस-दस लाख का मुआवजा सरकार दें। साथ ही बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग करती है चूंकि इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा सरकार को कड़ी चेतावनी दी जा चुकी है। यदि उपरोक्त मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो अंत में मुख्यमंत्री जी का भी इस्तीफे की मांग करने के लिए जनतांत्रिक विकास पार्टी को मजबूर न होना पड़े।
प्रदर्शन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मंडल, बिंदेश्वरी सिंह, सरोज राजभर, सुखदेव यादव, संतोष यादव, रवि प्रकाश, जगनारायण सिंह, अनिता देवी, रचना कुमारी, रामबली महतो, प्रेम प्रकाश, मंटू शर्मा, शक्ति पासवान, सोनू यादव समेत सैकड़ों की संख्या में नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।