मलिहाबाद/लखनऊ ( कमलेश वर्मा ) : ग्राम प्रधान व सचिव की मिलीभगत से शौचालय निर्माण में किए गए घोटालों की वजह से भदेसर मऊ के ग्रामीणों ने शुक्रवार को ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया।ओडीएफ(खुले मे शौच से मुक्त) भी घोषित कर दिया जाता है। खण्ड विकास मलिहाबाद बाद के ग्राम भदेसरमऊ में आधे से ज्यादा शौचालय अधूरे पड़े हैं और जो कुछ बने है वे भी जर्जर हालत मे है ग्रामीणों का आरोप है कि जो शौचालय ग्राम प्रधान द्वारा निर्माण करवाए जा रहे थे, उसमें बेहद घटिया क्वालिटी की सामग्री का उपयोग किए जाने पर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई, तो ग्राम प्रधान दिनेश कुमार यादव ने पात्र लोगों का नाम ही सूची से गायब कर दिया वअपात्र लोगों के घरों में 4-4 शौचालय का निर्माण करवा दिया ।
ग्राम प्रधान दिनेश व सचिव तेज कुमार की इस मिलीभगत के मिशन पर धब्बा लग रहा है ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व सचिव से कई बार गुहार लगायी । बावजूद इसके कोई हल नहीं निकलता देख तो मजबूरन ग्रामीणों ने 19 जुलाई को ब्लॉक में एडीओ पंचायत अधिकारी सुशील कुमार पांडे को सारी घटना की जानकारी दी। एडीओ पंचायत अ.ने ग्राम प्रधान व सचिव पर सारी जिम्मेदारी डाल कर पल्ला झाड़ लिया। गांव के ही निवासी व समाजसेवी संतोष कुमार मौर्य ने बताया कि काफी देर इंतजार करने के बाद में एडीओएसटी राजबहादुर ने जिन लोगों को शौचालय नही मिले है उनके नाम की सूची देने के कहा और आश्वासन दिया की नाम फीड कर दिए जाएंगे ।
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आश्वासन मिलने के बाद सभी ग्रामीण वापस लौट गए। पुनः13 अगस्त को जब पता चला कि ग्राम प्रधान के खाते में छूटे हुए लाभार्थियों के शौचालय का पैसा आ चुका है तो वापस ग्रामीण ब्लॉक पहुंचे वहां पर एडीओ पंचायत से सूची देने के लिए कहा ,लेकिन एडीओ पंचायत अधिकारी ने सूची देने से साफ इनकार कर दिया। जनता की समस्या का समाधान करने की बजाय एडीओ पंचायत अधिकारी सुशील कुमार सीट छोड़कर ही चले गए। गुस्साए ग्रामीणों( महिलाओं व पुरुषों ) ने ब्लॉक मे ही प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बीजेपी कार्यकर्ता लल्ला मौर्य ने विधायिका जयदेवी कौशल को इस घटना के बारे में सूचित किया। विधायिका के सख्त चेतावनी एवं हस्तक्षेप के बाद ही पात्र लोगों का नाम सूची में दर्ज हो पाया है, लेकिन अभी भी कुछ लोगों के नाम सूची में से छूट गए हैं ।भदेसरमऊ गांव के रहने वाले लोगो ने बताया कि एडीओ पंचायत अधिकारी सुशील कुमार पांडेय से सूची मांगने पर वह एकदम से भड़क गए विधायक जय देवी कौशल के दबाव के बाद ही सूची मिल पायी है।
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