– 11 शहीद सैनिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे
– 4 जिलों में नये सैनिक कल्याण कार्यालय व सैनिक विश्राम गृह बनेंगे
राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर के माध्यम से प्रदेश में व्यापक पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया की भावना के अनुरूप सेना को शस्त्रों से सुसज्जित करने में भी सफलता प्राप्त होगी।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार फरवरी में लखनऊ में भव्य डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है, जिससे सभी को रक्षा क्षेत्र की अत्याधुनिक तकनीक और शस्त्रों का अवलोकन करने का मौका मिलेगा व डिफेंस कॉरिडोर में निवेश का भी अवसर उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने यह बातें शनिवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने प्रदेश के 11 वीर अमर शहीद सैनिकों के आश्रितों को शासकीय सेवा में नियोजित किए जाने के लिये नियुक्ति पत्र वितरित किए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दूसरी बार शहीद सैनिकों के आश्रितों को नियुक्ति पत्र वितरित करने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों के कल्याण व सुविधाओं के लिए 5.5 करोड़ रुपये से प्रयागराज, मेरठ, कौशांबी और मऊ में नवीन सैनिक कल्याण कार्यालय व पूर्व सैनिकों के लिए विश्राम गृहों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही 3.5 करोड़ रुपये से 9 जिलों में सैनिक विश्राम गृहों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों को प्रदेश सरकार द्वारा समूह ‘ब और ‘स में 5% पदों पर आरक्षण दिया जा रहा है। सरकार सैनिकों के लिए उपलब्ध सभी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति के लिए प्रभावी प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि में जमा होने वाली राशि का तीन गुना अंशदान प्रदेश सरकार दे रही है ताकि हमारे वीर सैनिकों के कल्याण के लिये धन की कमी न रहे। इसके साथ ही पूर्व सैनिकों के पुनर्वास और सम्मानजनक जीवन यापन के लिए तीन लाख तक के बैंक ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज भी सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा इसके अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को 12 हजार देने का निर्णय भी प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में विभिन्न मेडल व चक्र पाने वाले जवानों के लिए एकमुश्त सहायता राशि और वार्षिक धनराशि में भी प्रदेश सरकार ने उल्लेखनीय वृद्धि की है। 1986 से पूर्व परमवीर चक्र से विभूषित विजेताओं को एकमुश्त 32,50,000 रुपये तथा वार्षिकी 1,95,000 रुपये की धनराशि प्रदान करने का निर्णय प्रदेश शासन द्वारा लिया गया है। इससे पहले 15 हजार रुपये एकमुश्त और एक हजार रुपये वार्षिकी की व्यवस्था थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में परमवीर चक्र विजेताओं को 52 लाख रुपये एकमुश्त और तीन लाख रुपये वार्षिकी की व्यवस्था की गई है। महावीर चक्र विजेताओं को 31 लाख रुपये एकमुश्त और दो लाख रुपये वार्षिकी की व्यवस्था और वीर चक्र विजेताओं को 20 लाख रुपये एकमुश्त और एक लाख रुपये वार्षिक दिए जाने की व्यवस्था का निर्णय लिया गया है।