राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर विपक्ष द्वारा दुष्प्रचार कर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। कांग्रेस, सपा और अन्य विपक्षी दल देश के अंदर देश के दुश्मनों की भाषा बोल रहे हैं। पैसा देकर आगजनी करवाई जा रही है और धरना दिलवाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इस मुद्दे पर हम मौन नहीं रह सकते।
मंगलवार को सीएए के समर्थन में लखनऊ के बंगला बाजार स्थित रामकथा पार्क में आयोजित भाजपा की जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि झूठ के पांव नहीं होते, जो सत्य है वह सत्य ही रहेगा। वामपंथ की इस पीढ़ी की थ्योरी को नकारने की जरूरत है। देश के खिलाफ साजिश हो रही है। ऐसे में हम मौन नहीं रह सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश सर्वोपरि है, उसके साथ किसी भी प्रकार की राजनीति स्वीकार नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार सरकार बनने पर देश की आकांक्षाओं को पूरा किया जा रहा है। पहली बार देश के अंदर आतंकवा, अलगाववाद और भेदभावकारी पाप, जो कि कांग्रेस की सरकारों के थे, उनके पापों के परिमार्जन करने के लिए एक लौह पुरुष के रूप में गृहमंत्री ने जो दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाया है, इसमें नए भारत की सुरक्षा और समृद्धि का मंत्र छिपा है।
आजादी के बाद कांग्रेस के पाप का परिमार्जन करने का कार्य गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन तमाम मुद्दों पर लोग हताश थे, निराश थे। चुनाव से पहले भाजपा का नारा था मोदी है तो मुमकिन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, 500 वर्षों से चले आ रहे राम मंदिर विवाद का हल हो, तीन तलाक की समाप्ति हो या फिर शरणार्थियों को नागरिकता देने का कार्य, ये सभी कार्य पीएम और गृहमंत्री के नेतृत्व में हुए हैं। सीएए के समर्थन में देश में जागरूकता कार्यक्रम घर-घर ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि मानवता के व्यापक हित में उठाए गए नागरिकता संसोधन कानून के विषय में हम सबको एक-एक व्यक्ति को बताना चाहिए कि यह कानून नागरिकता देने का है, छीनने का नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में यह कार्य 1947 के बाद से प्रारंभ हो जाने चाहिए थे। यह समस्या देश के अंदर पैदा नहीं होनी चाहिए थी लेकिन कांग्रेस की सरकारें नहीं कर पाईं। अन्य विपक्षी दलों को मौका मिला वोटबैंक की कीमत पर राजनीति करना उनका स्वयं का धर्म बन गया था। उन्होंने कहा कि महाभारत के दौरान द्रौपदी के चीरहण के दौरान एक बात सामने आई थी।
द्रौपदी ने सवाल किया था कि इस पाप का भागी कौन ? सभी मौन साधे हुए थे। विदुर ने कहा था कि तिहाई पाप दोषियों को, तिहाई पाप सहयोगियों का और तिहाई पाप मौन मूकदर्शकों का है। कांग्रेस, सपा और बसपा का दुष्प्रचार चीरहरण से कम नहीं है। इस पाप का भागीदार हम नहीं बन सकते हैं। इसका विरोध करेंगे। जागरूकता कार्यक्रम घर घर ले जाएंगे।