राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री आरोग्य योजना की शुरआत करते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए समग्र प्रयास किया जाएगा। जिन जिलों में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं है, उनके लिए एक नई नीति लाई जाएगी। आगामी एक वर्ष में पीपीपी मोड में इन जिलों में भी एक-एक मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने रविवार को चंदौली जिले के अमदहा गांव में आरोग्य मेले का उद्घाटन किया। नौगढ़ के देवखत गांव में जनसभा में कहा कि प्रदेश सरकार ने चंदौली के लिए एक मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया है। इसका शिलान्यास भी जल्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निरोगी समाज रामराज का प्रतीक है। आरोग्य मेलों के माध्यम से हमारा प्रयास है कि स्वास्थ्य सेवाओं को आम जनमानस, विशेष कर गरीबों, शोषितों औऱ वंचितों के दरवाजे तक पहुंचाएं।
उन्होंने कहा कि हम दुनिया के अंदर सबसे बड़ी सामूहिक स्वास्थ्य की योजना ‘मुख्यमंत्री आरोग्य योजना’ आज उत्तर प्रदेश के 4200 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक साथ प्रारंभ कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने का अधिकार है और शासन का यह दायित्व बनता है कि वह इस प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा उन लोगों तक पहुंचाए। यह पहली बार हो रहा है कि हर सप्ताह प्रत्येक रविवार प्रातः 10 बजे से लेकर 02 बजे तक हर पीएचसी में ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ का आयोजन होगा जिसमें मरीज को बिना भेदभाव आरोग्यता से संबंधित परामर्श और दवा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के प्रत्येक तबके को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके इस दृष्टि से आज हम सब ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ प्रारंभ कर रहे हैं। इस दौरान दो बच्चों का अन्नप्राशन और गर्भवती महिलाओं की गोदभराई भी की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के लिए 2 करोड़ 51 लाख 47 हज़ार 820 रुपए का चेक प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी चिकित्सक पात्रता के अनुसार हर व्यक्ति को यह दवाएं उपलब्ध कराने एवं शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने में योगदान दें। हर सप्ताह, हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ‘आयुष्मान भारत’ एवं ‘मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना’ के गोल्डन कार्ड बनने व वितरण की व्यवस्था होगी। मिशन इंद्रधनुष व स्वास्थ्य संबंधी सभी योजनाओं से आच्छादित करने की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में सभी केंद्र पर कम से कम 4 डॉक्टर रहेंगे। साथ ही इलाके के मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इससे उनको चिकित्सा का अनुभव मिलेगा। मेले में एक आयुष चिकित्सक और मोबाइल यूनिट भी तैनात होगी। बच्चों के स्वास्थ्य की विशेष देखभाल होगी। मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया व निमोनिया की रोकथाम, बचाव व इलाज की जानकारी व संबंधित सेवाएं उपलब्ध होंगी। आज से हर रविवार 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक सभी 4200 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंप लगा कर उपचार किया जायेगा।