राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओडीओपी योजना की सराहना करते हुए कहा कि इसके कारण ही यूपी के निर्यात में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जबकि अलग- अलग राज्यों के निर्यात 7-8 प्रतिशत ही बढ़े हैं। इसके जरिए ₹1.15 लाख करोड़ रुपये का उत्पाद निर्यात हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को दिल्ली हाट में आयोजित ओडीओपी प्रदर्शनी के मौके पर हुए समारोह में यह बात कही। उन्होंने उम्मीद जताई कि ओडीओपी योजना के जरिए अपने कारीगरों को प्रोत्साहित करके दुनिया में इसे एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि जब हमनें प्लास्टिक को बैन किया तब उसका विकल्प उपलब्ध नहीं था। हमनें कुम्हारों को मुफ्त में मिट्टी और सोलर/बिजली से चलने वाले चाक दिए। जो कुम्हार कल तक 40-50 बर्तन बना रहा था, वह आज 450-500 बर्तन बना रहा है।
सीएम ने कहा कि किसी भी बड़े उद्योग का आधार सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्योग(एमएसएमई) ही बनता है। और उस आधारशिला को कमजोर करके हम बड़े उद्योग की कल्पना भी नहीं कर सकते। हम बड़े उद्योगों की स्थापना के लिए पॉलिसी बनाते हैं, स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन का शुल्क माफ़ करते हैं, जीएसटी एवं जमीन में सब्सिडी देते हैं, पर जब भी उनसे रोजगार की बात करो तो कहते हैं की उद्योग घाटे में है।
सीएम ने कहा कि जब वह मुरादाबाद गए तो देखा कि वहां के उद्यमियों में बड़ी निराशा थी। ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना को लागू करने के बाद आज लगभग ₹6,000 करोड़ के प्रोडक्ट वहां से एक्सपोर्ट हो रहे हैं। इसी प्रकार भदोही से ₹4,000 करोड़ से अधिक का निर्यात हो रहा है। मैंने लखनऊ में चिकनकारी को देखा है। वहां पर एक महिला अपने घर मे बैठकर प्रतिदिन ₹500 से ₹1500 तक चिकनकारी का काम करके कमाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व आज के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यूपी जैसे राज्य में परम्परागत उद्यमों के लिए कुछ किया जाना चाहिए। हमने एक टीम गठित की और प्रदेश के सभी 75 जिलों की मैपिंग करने को कहा। एक सप्ताह के अंदर ही 75 में से 57 जनपदों के अलग-अलग प्रोडक्ट हमारे पास आ गए।
सीएम ने कहा कि दुनिया में लोग बांसुरी बजाते हैं। इसका उत्पादन भी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में होता है। सिद्धार्थनगर में काला नमक होता है। दुनिया में उससे अधिक प्रोटीन-युक्त और अधिक खुशबू देने वाला दूसरा चावल नहीं है। 118 वैरायटी का गुड़ अकेले मुजफ्फरनगर में बन रहा है। इसी प्रकार मैपिंग में सभी 75 जिलों का एक-एक उत्पाद सामने आया।