बिहार के दरभंगा में प्रधानमंत्री की अपील को सफल बनाने के लिए दूल्हा शम्से आलम खान बगैर बारात के ही शादी के निकल पड़े. दूल्हे ने कहा कि कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री के साथ हैं. बाराती ले जाने से सड़क पर भीड़ जमा होती है.
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कोरोना वायरस को लेकर 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का असर विवाह समारोह के आयोजन पर भी देखने को मिल रहा है. इस वायरस को बढ़ने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाने की जरूरत को समझते हुए दरभंगा जिला के वर्तमान सदर प्रखंड के शीशों पश्चिम के मुखिया शम्से आलम खान समारोह में मेहमान और बराती को छोड़ अकेले शादी करने जाने का फैसला लिया.
दरअसल, तीन महीने पहले ही शादी की तारीख 22 मार्च तय की गई थी, लेकिन जनता कर्फ्यू के कारण समारोह में बरातियों की भीड़ लेकर वेस्ट बंगाल आसनसोल जाना संभव नहीं देख दूल्हा बिन बारात अकेले ही घर से रवाना हो गये.
वर्तमान मुखिया शम्से आलम खान ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहल को सफल बनाने के लिए अपनी शादी में भीड़ एकत्रित नहीं करने का फैसला लिया.
यही वजह है कि उन्होंने अपनी शादी में बारात ले जाना उचित नहीं समझा. दूल्हे ने कहा कि शादी की तारीख आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है क्योंकि लड़की वाले के यहां पूरी तैयारी हो चुकी है.