दरभंगा : बिहार के मशहूर पर्वतारोही व मिथिला के लाल राजीव सौमित्र ने दक्षिणी अमेरिका के सर्वोच्च पर्वत शिखर अकांकागुआ को फतह कर ली है। दरभंगा के जोगियारा पतोर निवासी राजीव सौमित्र ने गत 20 जनवरी को अर्जेंटीना के समयानुसार दिन के 12.40 बजे (भारतीय समयानुसार रात 9.10 बजे)माउंट अकांकागुआ पर तिरंगा फहराया। इंडिज पर्वतमाला में करीब 6962 मीटर (22,838 फीट) ऊंचे माउंट अकांकागुआ (अर्जेंटीना) को दक्षिणी अमेरिका का एवरेस्ट कहा जाता है और यह एशिया महादेश के बाहर विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। राजीव ने सेवेन सम्मिट अभियान के तहत अब तक एशिया के माउंट एवरेस्ट समेत विश्व के छह अलग-अलग महादेशों के सर्वोच्च पर्वत शिखरों को फतह कर लिया है। कई नदियों और ग्लैसियर के बीच से खराब मौसम में खड़ी चढ़ाई वाला अकांकागुआ अभियान बेहद खतरनाक बताया जाता है।
दिल्ली के पारामाउंट लीग के चेयरमैन राजीव सौमित्र ने रामदयालु सिंह कॉलेज, मुजफ्फरपुर से भूगोल में स्नातक प्रतिष्ठा की पढ़ाई पूरी की थी। पर्वतारोहण की दुनिया में विश्व के सात महादेशों के सर्वोच्च शिखरों को फतह करने के अभियान को सेवेन सम्मिट कहा गया है। अपने 15 दिवसीय सफल अभियान के बाद भारत लौटने की तैयारी कर रहे राजीव सौमित्र ने बताया कि सातों सर्वोच्च शिखरों की अलग-अलग तरह की चुनौतिया हैं। एवरेस्ट में कहीं-कहीं रस्सी का सहारा मिलता है,परन्तु अकांकागुआ अभियान में सबकुछ आपकी काबिलियत, निर्णय लेने की क्षमता पर निर्भर करता है। अब वे सातवें और अंतिम चरण में जल्द ही उत्तरी अमेरिका के डेनाली शिखर को फतह करने निकलेंगे।
15 दिनों का सफल अभियान
राजीव सौमित्र ने गत आठ जनवरी को अर्जेंटीना के पेनिटेंटस कैंप से अपना अभियान शुरू किया। खतरनाक नदियों, ग्लैसियर से गुजरकर थकान वाली खड़ी चढ़ाई करते हुए नौ जनवरी को पंपा डी लेनिअस कैंप पहुंचे। रात्रि विश्राम के बाद अगली सुबह 10 बजे यात्रा शुरू की और रात के 10 बजे कासा डी पेट्रो कैंप पहुंचे। तापमान शून्य से नीचे था और बोतल का पानी जम चुका था। अगले दिन साढ़े सात घंटे की खतरनाक चढ़ाई के बाद 4200 मीटर की ऊंचाई पर प्लाजा अर्जेंटीना बेस कैंप पहुंचे। विश्राम के बाद 13 जनवरी से 19 जनवरी तक कैंप एक से तीन तक की चढ़ाई पूरी की। मौसम विज्ञान विभाग ने 20 जनवरी को दो बजे से हवा चलने की सूचना दी थी, लेकिन 11 बजे से ही शिखर पर खतरनाक ठंडी हवा चल पड़ी। शिखर पर राजीव को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ी। तीन सदस्यीय दल में से एक अफ्रिका के पर्वतारोही की तबितय 15 जनवरी को कैंप-1 में ही बिगड़ी और उसे वापस लाया गया। अकांकागुआ का 360 डिग्री पर चक्कर लगाते हुए राजीव 22 जनवरी को सफलता पूर्वक नीचे मेंडोसा लौट आए।
छह सफल अभियान
माउंट एवरेस्ट-एशिया: 22 मई 2013, माउंट एलब्रश-यूरोप : 8 अगस्त 2013, किलिमंजारो-अफ्रिका: 21 सितंबर 2013, साउथ पोल-अंटार्कटिका: 18 दिसंबर 2014, माउंट विंसन मैसीफ: अंटार्कटिका: 25 दिसंबर 2014, कार्सटेंस पिरामिड: ओसिनिया: 22 नवंबर 2016, माउंट अकांकागुआ: दक्षिणी अमेरिका।