दरभंगा : कोरोना वायरस से संक्रमित अथवा संदिग्ध मरीजों के उपचार के क्रम में कौन-कौन सी सावधानियाँ बरती जानी चाहिए। इसके बारे में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।
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इसमें कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों अथवा कोरोना के कंफर्मड मरीजों को एम्बुलेंस से आइसोलेशन वार्ड में लाने के दौरान सावधानियाँ बरतने के बारे में बताया गया।
एन.डी.आर.एफ. के डॉ0 अभय प्रकाश एवं डॉ0 अजित मोहन द्वारा बताया गया कि कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को हैंडल करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले अपने शरीर को पूरी सुरक्षा कवर प्रदान करनी चाहिए। उनका पूरा शरीर ढ़का हुआ होगा। दोनों हाथों में ग्लोबस्, चेहरे पर मास्क एवं आँखो में चश्मा लगाना जरूरी है। सिर को भी इनसुलेटेड मेटेरियल / पॉली शीट्स आदि से ढ़कनी जरूरी है। उक्त व्यक्ति को अपने पूरे शरीर को सैनिटाइज एवं डिकोंटामिनेट करना बहुत जरूरी है।
इसके बाद ही उक्त कर्मी द्वारा संदिग्ध/ज्ञात मरीज के पूरे शरीर को दूर से ही सैनिटाइज किया जायेगा। उक्त मरीज को स्ट्रेचर पर रखकर एम्बुलेंस में रखने तक सभी प्रक्रियाओं में सैनिटेशन का बारीकी से पालन करनी होगी। एनडीआरएफ के चिकित्स्कों द्वारा इन सारी प्रक्रियाओं का लाइव प्रदर्शन दिखाया गया.
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार को आपदा प्रबंधन विभाग के डॉक्टरों द्वारा दिये गये प्रशिक्षण के अनुरूप जिला में 04 मेडिकल रिस्पॉस टीम गठित करने का निर्देश दिया. जिसमें पी.पी.ई. (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट ) किट्स, ह्यपोक्लोरिट सोन्यूशंस आदि सामग्री के साथ डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ रहेंगे।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि एक-एक मेडिकल रिस्पॉस टीम बेनीपुर एवं बिरौल अनुमण्डल में रहेंगे जबकि 02 रिस्पॉस टीम जिला मुख्यालय में तैनात रहेगी।
इस प्रशिक्षण में डी.एम. डॉ. त्यागराजन एस.एम., नगर पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र कुमार, प्रशिक्षु आई.पी.एस. सैयद मसूद, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, ओएसडी पुष्पेश कुमार एवं अन्य चिकित्सा पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।