डेस्क : लॉकडाउन में तमिलनाडु से एक मरीज़ ने अपना वीडियो सन्देश भेजकर सरकार से मदद की गुहार लगाई. सरकार ने इस वीडियो को न केवल देखा बल्कि इस पर एक्शन लेते हुए उसे तत्काल मदद भी दिलाई. वीडियो सन्देश जारी करनेवाले युवक का नाम चंद्रमणि चंद्र है जो बिहार के दरभंगा के रनवे गांव का रहने वाला है.
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वीडियो सन्देश में युवक ने खुद को प्लास्टिक एनिमिनिया से ग्रसित होने के साथ कहा कि मेरा बॉन मैरो काम नहीं कर रहा जिससे शरीर में खून नहीं बन रहा है. दूसरे प्रदेश में रहने के कारण खून का इंतज़ाम करना भी कठिन है. डाक्टरों ने सलाह दी है कि अब इस बीमारी से बचने के लिए बॉन मैरो ट्रांसप्लांट करना ही एक मात्र रास्ता है और यह बॉन मैरो परिवार के ही किसी सदस्य के टेस्टिंग के बाद ट्रांस्पलांट किया जा सकेगा.
युवक अपने पिता के साथ लॉकडाउन के पहले ही इलाज कराने CMC अस्पताल भेल्लोर पहुंच गया था. उसका इलाज़ शुरू हुआ और जब जांच रिपोर्ट आई तब इधर कोरोना के कारण देश भर में लॉकडाउन लग गया. ऐसे में परिवार के दूसरे सदस्य चाहकर भी उसकी मदद के लिए दरभंगा से तमिलनाडु नहीं जा पा रहे थे जबकि चंद्रमणि के भाई और बहन दोनों डोनेट करने के लिए तैयार थे.
दरभंगा डीएम डॉ त्यागराजन एस एम ने मरीज के परिवार से संपर्क कर बातचीत के बाद सभी को दरभंगा से तमिलनाडु जाने के लिए अंतर स्टेट पास भी जारी कर दिया. डीएम ने इसके साथ ही दरभंगा से तमिलनाडु जाने वाले सभी लोगों के पहले मेडिकल जांच कराने और तमिलनाडु से लौटने पर भी सभी लोगों को मेडिकल जांच कराने की सलाह भी दी.
डीएम की तरफ से तमिलनाडु जाने का पास निर्गत हुआ तो परिवार के सभी लोगों के चेहरे खिल गए और ट्रांस्पलांट के लिए आज सुबह ही भाई बहन निजी गाड़ी से दरभंगा से निकल गए. पहले जिलाधिकारी के आदेश अनुसार डीएमसीएच में जाने वाले का मेडिकल फिटनेस होगा जिसके बाद वो सभी CMC अस्पताल भेल्लोर के लिए रवाना हो जायेंगे।
इधर चंद्रमणि के पड़ोसी संतोष कुमार ने दरभंगा के डीएम को धन्यवाद देते कहा कि चंद्रमणि ने कई जगहों पर अपना इलाज़ करवाया बिहार में इलाज के लिए लगभग 30 लाख रुपये खर्च की बात आई. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है लेकिन बच्चे की इलाज़ के लिए परिवार वालो ने जमीन भी बेचीं है सरकार कोरोना में तो लोगो की मदद कर रही है सरकार से इस परिवार को भी मदद की बेहद जरुरी है.
साभार-न्यूज18