दरभंगा। जिलाधिकारी डाॅ0 चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डाॅ0 भीमराव अम्बेदकर सभागार में सोमवार को विभिन्न शाखाओं से सम्बन्धित कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक की गई। उच्च न्यायालय में चल रहे विभिन्न वादों की समीक्षा के क्रम में उन्होने निदेशित किया कि सभी सम्बन्धित पदाधिकारी तुरन्त न्यायालय में तथ्य विवरणी तैयार कर प्रतिशपथ पत्र दायर करें तथा ओथ संख्या कार्यालय को उपलब्ध कराए। इस क्रम में सी0डब्लू0जे0सी0 के कुल 178 मामले लंबित पाए गए। उन्होने कहा कि निष्पादन की रफ्तार बढ़ी है, एक सप्ताह पहले 231 मामले लंबित थे, जो घटकर 178 पर आए हैं। इसमें और गति लाने को उन्होने निर्देश दिया। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां लंबित मामलों की भी समीक्षा की गई।
जिला स्तर पर जून में प्राप्त कुल 387 मामलों में से 109 मामले, जूलाई में प्राप्त 61 में से 45 मामले, अनुमण्डल सदर में जून में कुल प्राप्त 361 में से 240 मामले, जूलाई में प्राप्त 148 में से 82 मामले, अनुमण्डल बेनीपुर में जून माह में कुल प्राप्त 70 में से 31 मामले, जूलाई में प्राप्त 15 में से 10 मामले तथा बिरौल अनुमण्डल में जून माह में कुल प्राप्त 80 में से 51 मामले व जूलाई में अबतक प्राप्त 25 में से 24 मामले लंबित पाए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि इन लंबित मामलों का निष्पादन समय सीमा के अन्दर कराएं। निवारण पदाधिकारी ने बताया कि अधिकांश मामले अंचल अधिकारी स्तर पर लंबित है, जो भूमि विवाद तथा अतिक्रमण से संबंधित है। जिलाधिकारी ने कहा कि दो सप्ताह के अन्दर अमीन की व्यवस्था कर मामलों का निष्पादन कराएं।
ए0सी0/डी0सी0 लंबित मामलों की समीक्षा के क्रम में डीएम डाॅ0 सिंह ने कहा कि महालेखाकार में जाकर विपत्र का समायोजन कराएं। कोषागार पदाधिकारी ने बताया कि 500 लंबित विपत्रों के विरूद्ध 25 विपत्रों का समायोजन कर लिया गया है।
जिला कल्याण पदाधिकारी कार्यालय के कार्य प्रणाली पर जिलाधिकारी ने रोष प्रकट किया। उन्होने कहा कि कार्य का सम्पादन समय पर नहीं हो रहा है। इसके लिए एक जांच दल गठित कर जांच कराने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया।
इसके अतिरिक्त सभी प्रखंडो में प्राथमिकता के आधार पर चलाए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई। सभी प्रखंड के वरीय प्रभारी को निदेशित करते हुए डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री के सात निश्चयों में से एक ‘‘ घर-घर बिजली योजना ’’ के तहत इन्दिरा आवास सहायक व पंचायत रोजगार सेवक द्वारा किए जा रहे सर्वे कार्यों का पर्यवेक्षण वरीय प्रभारी अवश्य करें। इस क्रम में बताया गया कि अधिकांश प्रोग्राम पदाधिकारी, मनरेगा प्रखण्ड मुख्यालय से बाहर रहते हैं। डीएम ने इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे पीओ का तुरन्त वेतन स्थगित करंे। उन्होने कहा कि जिले में कुल 534 पीआरएस व इंदिरा आवास सहायक हैं, ये सभी यदि प्रत्येक दिन 10-10 घर का सर्वे करेंगे तो 5 हजार से ऊपर घरों का सर्वे हो जाएगा। इस सर्वे से यह पता चल जाएगा कि कितने घर बिजली की सुविधा से वंचित हैं।
उन्होने नव नामाकृत योजना ‘‘ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना ’’ के तहत चल रहे सर्वे कार्यों की भी समीक्षा की। इसके लिए उन्होने कहा कि यह जिम्मेवारी आवास सहायक की है, जो घर-घर जाकर एसईसीसी में अंकित गृहविहीनों का सत्यापन करेंगे कि कितने व्यक्तियों को अबतक आवास नही मिल सका है।
इसके अतिरिक्त आपदा टास्क फोर्स की भी बैठक सम्पन्न हुई। इसके अन्तर्गत ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा निर्माणाधीन सेतू व उसके सम्पर्क पथ निर्माण कार्य का भी जायजा लिया गया। कृषि पदाधिकारी से धान के आच्छादन की जानकारी ली गई। उन्होने कहा कि वर्षापात में इधर दो दिन में वृद्धि हुई है। अब जिला में वर्षापात सामान्य के बराबर हो गई है। जिला परिवहन पदाधिकारी को विभिन्न अंचलों में स्थित नावों का निबन्धन कराने हेतु आदेश निकालने का निर्देश दिया गया। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता को जिलाधिकारी ने बाढ़ के मद्देनजर आकस्मिक कार्य योजना बना लेने का निर्देश दिया, साथ ही विद्युत विभाग के कन्ट्रोल रूम का दूरभाष संख्या भी प्रसारित कराने का निर्देश दिया।