उपचार के अभाव गरीब युवक की मौत
राम किशोर रावत
लखनऊ ।माल इलाके के अमलौली गांव निवासी दलित गरीब ने उपचार के अभाव में सोलह दिनों बाद घर पर दम तोड़ दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया।
मामला माल क्षेत्र के अमलौली गांव में एक ही परिवार के दो लोगों के बीच गत चौदह दिसम्बर को मामूली कहासुनी में मारपीट हो गयी थी।जिसमें राजाराम,रामबिलास,ओम प्रकाश,राजेन्द्र के सिरों में चोटें लगीं थीं।जबकि रामबिलास की पत्नी उर्मिला और बेटे शिवाकांत को मामूली चोटें आयीं थीं।सभी घायलों को माल सीएचसी पर उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी थी। लेकिन राजाराम को कोमा में होने के चलते डाक्टर ने ट्रामा सेंटर भेज दिया था जहाँ दस दिनों तक उपचार होने के बावजूद भी राजाराम की हालत नाजुक बनी रही जिसके इलाज के लिए डॉक्टरों ने बड़ी रकम की जरूरत बताई जिसे गरीबी के चलते परिवार ने देने में असमर्थता जतायी।तो डॉक्टरों ने धनाभाव में राजाराम को घर ले जाने को कह दिया।पीड़ित परिवार धनाभाव में राजराम को घर ले आया।जहां सोलह दिन राजराम कोमा से उबर नही पाये और आखिर मे शनिवार को प्रातः साढ़े तीन बजे लगभग दम तोड़ दिया।ध्यान रहे कि पुलिस ने दबाव के चलते इस गम्भीर मामले को एनसीआर में दर्ज कर मामले को रफ़ा दफा करना चाहती थी लेकिन समाचार छपने के बाद पुलिस अधिकारियों की फटकार के बाद एनसीआर को सत्रह दिसम्बर को जानलेवा हमले जैसी बड़ी धाराओ में बदल दिया था।आखिरकार अधिकारियों की फटकार माल पुलिस के लिये ढाल बन गयी।जबकि राजाराम की जान चली गयी।