सौरभ शेखर श्रीवास्तव की ब्यूरो रिपोर्ट दरभंगा। एमएलएसएम कॉलेज, दरभंगा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा “मेरी माटी- मेरा देश” कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण सह पर्यावरण- जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ शंभू कुमार यादव ने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन का मूलभूत आधार है। पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रत्येक नागरिक को प्रति वर्ष कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। उन्होंने छात्र- छात्राओं को यह भी संदेश दिया कि प्रत्येक छात्र अपने जन्मदिन पर एक पौधा लगाने हेतु जगह दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण की रक्षा में अगर हमलोग आज सचेत नहीं हुए तो संपूर्ण जनजीवन बहुत ही बुरे वक्त से गुजरेगा। पेड़- पौधे हमारे वास्तविक हितैषी एवं जीवन रक्षक हैं, क्योंकि इनसे हमें प्राण वायु के रूप में शुद्ध ऑक्सीजन मिलता है। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके कार्यक्रमों में शामिल होने से छात्रों के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास होता है तथा उनके चरित्र का बेहतरीन निर्माण भी होता है।
डॉ सुबोध चंद्र यादव कार्यक्रम पदाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण की रक्षा में और सहयोग होगा कि अपने जन्मदिन और शादी- विवाह के अवसर पर अपने माता-पिता के नाम से भी वृक्षारोपण किया जाए। एक वृक्ष का महत्व 100 संतान के बराबर होता है। डॉ कुमार नरेंद्र नीरज कार्यक्रम पदाधिकारी द्वितीय ने पर्यावरण एवं वन की उपयोगिता के बारे में वृहद जानकारी दी। डा कुमुद कुमारी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एवं वन संरक्षण कर पूरी सृष्टि को बचाया जा सकता है।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में उपस्थित वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ अमिता मिश्रा, प्रो नंदकिशोर झा, जंतु विज्ञान विभाग से डॉ अनुप्रिया, कैप्टन संगीता कुमारी एनसीसी, डॉ एम एम चौधरी, डॉ वीणा कुमारी, डॉ किरण कुमारी विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान डॉ अवनीश कुमार, अनूप कुमार झा, अरुण कुमार चौधरी एवं छात्र- मगन कुमार, शिवेश, चंदन, अनीश, देवराज, चंदन यादव, आमोद यादव, नवल, अंशु कुमारी, आस्था प्रिया, सोनम, कल्याणी, सलोनी झा, नैना झा, सत्या, मंजू रानी, रिया, कोमल, रानी, नौशीन परवीन तथा नुजहत परवीन आदि सैकड़ों छात्र- छात्राएं उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियों एवं स्वयंसेवकों द्वारा 40 से अधिक पौधे लगाए गए।