दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में संबद्धता प्राप्त महाविद्यालयों एवं बीएड महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन हेतु “रिवाइजड एक्रीडिटेशन फ्रेमवर्क (आर.ए.एफ) फॉर नैक” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. के. सिंह ने कहा कि महाविद्यालयों का नैक से मूल्यांकन कराना अनिवार्य है।
इस संदर्भ में राजभवन का स्पस्ट आदेश है कि 30 जून 2019 तक नैक से मूल्यांकन हेतु एस एस आर देना अनिवार्य है। ऐसे महाविद्यालय जो शर्त के अनुरूप नहीं आयेंगे, उनका अनुदान रोक दिया जाएगा एवं संबन्धन रद्द करने की प्रक्रिया अपनायी जायेगी। स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक प्रो. बी0बी0 एल. दास ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को नैक मूल्यांकन की प्राथमिकताओं की महत्ता के बारे में प्रकाश डाला।
इन्दौर, मध्य प्रदेश से आये हुए संसाधन पुरूष प्रो. प्रतोष बंसल ने नैक मूल्यांकन के लिए क्रमश: प्रक्रिया एवं सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा कि सारी प्रक्रियाओं को आनलाइन भरना है। संसाधन पुरूष ने प्रतिभागियों के द्वारा पूछे गये संबंधित प्रश्नों एवं शंकाओ का निवारण भी किया। संचालन विश्वविद्यालय के सी.सी. डी.सी. प्रो. मुनेश्वर यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी डॉ. के. के. साहू ने किया।