दरभंगा : जिला के 4489 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शुक्रवार को गर्भवती महिलाओं की गोदभराई का रस्म अदा किया गया. उनका श्रृंगार किया गया. अन्य महिलाओं के बीच उनके व बच्चे की स्वास्थ्य की मंगलकामना की गई. इसके तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों को आकर्षक ढ़ंग से सजाया गया. हाथ में फल व अन्य सामग्री देकर सफल प्रसव का आशीष दिया गया.
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विदित हो कि सरकार बेहतर पोषण के लिये विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करती है. इसके तहत प्रत्येक माह की 7 तारीख को आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 7 से 9 महीने की गर्भवती महिलाओं की गोद भराई करायी जाती है. इसमें गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार वितरण के साथ बेहतर पोषण की जानकारी दी गयी.
माथे पर लाल टीका कर दिया आशीष
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के केन्द्रो पर गर्भवती महिलओं को लाल चुनरी ओढा कर एवं माथे पर लाल टीका लगा कार्यक्रम की शुरुआत हुई. महिलाओं को विभिन्न व्यंजनों में शामिल सतरंगी फल, हरी सब्जियाँ एवं अन्य पोषक आहार दिए गए. साथ ही गर्भावस्था के दौरान पोषक आहार सेवन के विषय में गर्भवतियों को भी जागरूक किया गया. गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में विविधता लाने की सलाह दी गयी. आहार में दाल, बीन, दूध एवं दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ, हरी साग-सब्जी, पीले फ़ल. मीट एवं मछली शामिल करने की बात बताई गयी. नियमित रूप से 4 प्रसव पूर्व जाँच, मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड में वजन का पंजीकरण के साथ नियमित रूप से प्रतिदिन आयरन की एक गोली एवं कैल्शियम की दो गोली खाने की सलाह दी गयी.
ग्रामीण क्षेत्र के शहबाजपुर पंचायत के आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 206 पर गोदभराई रश्म के दौरान मौजूद डीपीओ अलका अम्रपाली व पर्वेक्षिका शुरभि ने गोदभराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के आखिरी दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के विषय में गर्भवतियों को अवगत कराया. बताया कि गर्भावस्था के आखिरी दिनों में अधिक पोषण की जरूरत होती है. माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए. बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यू दर में कमी भी लाता है.
आखिरी दिनों में पोषण का रखें ख्याल :
गर्भ के आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है.इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा होना जरुरी होता है. इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत आंगनवाडी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं को साप्ताहिक पुष्टाहार भी वितरित किया जाता है. इसके साथ महिलाएं अपने घर में आसानी से उपलब्ध भोज्य पदार्थों के सेवन से भी अपने पोषण का ख्याल आसानी से रख सकती हैं.