डेस्क : रात्रि गश्ती में लापरवाही बरतने वाले 13 पुलिस पदाधिकारियों से एसएसपी बाबू राम ने स्पष्टीकरण पूछा है। इसमें लहेरियासराय थानाध्यक्ष हरिनारायण सिंह, नगर थानाध्यक्ष सत्यप्रकाश झा, सदर थानाध्यक्ष शशिनाथ सिंह, विश्वविद्यालय प्रभारी थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार राय, बेंता ओपी प्रभारी अमित कुमार, कोतवाली ओपी प्रभारी विपिन कुमार भी शामिल हैं।
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कार्रवाई की जद में नगर थाना के दारोगा दयानंद मिश्रा, सहायक दारोगा सुदीश पॉल, लहेरियासराय के दारोगा शंभू प्रसाद ठाकुर, विश्वविद्यालय थाना के सहायक दारोगा धनंजय ठाकुर, कोतवाली ओपी के दारोगा अनिल सिंह, बेंता के सहायक दारोगा गिरधर प्रसाद महतो, सदर थाना के सहायक दारोगा अमरेंद्र कुमार दास भी शामिल हैं। एसएसपी राम ने बताया कि उन्होंने 27 दिसंबर 2019 को आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पैदल चलकर शहरी क्षेत्र में रात्रि गश्ती का हाल जाना था। इस दौरान कहीं भी सड़क पर गश्ती गाड़ी अथवा स्टेटिक बल दिखाई नहीं दिया। लहेरियासराय, नगर, विश्वविद्यालय, सदर, बेंता और कोतवाली पुलिस की रात्रि गश्ती की पोल पूरी तरह से खुल गई। एसएसपी ने बताया की उन्हें सूचना मिली की शहरी क्षेत्र में रात्रि गश्ती में लापरवाही बरती जा रही है। इसके बाद उन्होंने हकीकत जानने के लिए अपने आवास के पिछले दरवाजा से बाहर निकल गए। पैदल चलते हुए लहेरियासराय टावर पहुंचे। कहीं भी कोई पुलिस नजर नहीं आई। इसके बाद वे आगे बढ़ते हुए कर्पूरी चौक पहुंचे, जहां एक टेंपो चालक की मदद से दोनार पहुंचे। इसके बाद पैदल कोतवाली थाना थाना पहुंचे। कहीं भी गश्ती गाड़ी दिखाई नहीं दी। एक रिक्शा चालक को उन्होंने विश्वास में लिया और कोतवाली थाना का दरवाजा खटखटा कर पुलिस कर्मी को जगाने का काम किया।

रिक्शा चालक ने बताया कि उनकी बाइक चोरी हो गई है। जिसे पुलिस वाले ने झल्लाकर बोला कल आना। पूरे दृश्य को एसएसपी सामने से देख रहे थे। बाद में वे उसी रिक्शा से विश्वविद्यालय थाना गए। वहां से पैदल बेला पहुंचे जहां उन्होंने चार-पांच संदिग्ध लोगों को सड़क पर मटरगश्ती करते हुए देखा। लेकिन, पुलिस का कोई अता-पता नहीं चला। बताया कि जीपीएस सिस्टम साखा से गश्ती गाड़ी का लोकेशन लिया गया। बावजूद एक भी गाड़ी शहर में नजर आई। इसे देखते हुए उन्होंने अनुशासनिक कार्रवाई के विरूद्ध सभी से स्पष्टीकरण पूछा है।