सौरभ शेखर श्रीवास्तव की ब्यूरो रिपोर्ट दरभंगा : देश में रेप और यौन शोषण जैसे गंभीर मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। कहीं ना कहीं सामाजिक जागरूकता की कमी ऐसे मामलों को बढ़ावा दे रही है। रेप और यौन शोषण रोकने के लिए बिहार के दरभंगा जिले से अनूठी मुहिम की शुरूआत की गई है। जी हां साक्षी संस्था और NSS के बैनर तले शुरू हुए जागरूकता मुहिम की चहुंओर सराहना हो रही है। हर किसी को इस मुहिम से जुड़कर बेहतर समाज के निर्माण में अपनी भूमिका अदा करने के लिए आगे आने की जरूरत है।
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युवा मामलों के मंत्रालय, एनएसएस के निदेशालय के आदेश पर साक्षी संस्था की ओर से यह मुहिम चलाई जा रही है। इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता अदिति किशोर जी (सीनियर ट्रेनर,साक्षी संस्था ) ने कहा कि सामूहिक रूप से यौन शोषण पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है ।समाज में जागरूकता का अभाव होने के कारण यौन शोषण नहीं रुक रहा है। इसे खत्म करने के लिए छात्र-छात्राओं का जागरूक होना आवश्यक है।
इस दिशा में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे वह न केवल स्वयं बल्कि अपने समाज को भी जागरूक कर के बाल यौन शोषण पर रोक लगाएंगे। इस वेबीनार में स्वयंसेवको की बड़ी तादाद में उपस्थिति को उन्होंने एक सकारात्मक शुभ संकेत बताया।
महारानी कल्याणी कॉलेज की एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ प्रियंका राय ने कहा कि बाल यौन शोषण समाज के लिए एक अभिशाप है। हम सभी जानते हैं कि छात्र -छात्राएं अपने ही परिवार या समाज में सुरक्षित नहीं है।
पाॅक्सो ( प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट, 2012) में बच्चों को यौन शोषण से सुरक्षित करने के लिए बनाया गया था इसके बावजूद यौन शोषण की समस्या थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस दिशा में एनएसएस और साक्षी संस्था की संयुक्त मुहिम न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य में भी कारगर होगी।
साक्षी संस्था के कॉर्डिनेटर राकेश कुमार ने बताया कि ‘रक्षित प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत बिहार में जागरूकता की मुहिम महाविद्यालयों से शुरू की गई है। इस शोषण पर अंकुश लगाने के लिए एनएसएस के स्वयंसेवकों से बातचीत करके उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वह इस मुहिम में अपनी अहम भागीदारी सुनिश्चित कर पाए।
देश भर में 40000 कॉलेजों में 40 लाख रक्षित तैयार किए जा रहे हैं। चूंकि भारत युवा नेतृत्व वाला देश है इसलिए हम आशा करते हैं कि एनएसएस और साक्षी संस्था की यह संयुक्त मुहिम स्वयंसेवकों की एक ऐसा रक्षित पुंज तैयार करेगा जो कि समाज में व्याप्त बाल यौन शोषण को समाप्त करेगा और ‘बाल- यौन- शोषण- मुक्त समाज’ की संकल्पना को वास्तविकता की जमीं पर साकार करेगा।
कार्यक्रम का समापन एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ प्रियंका राय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस सेमिनार में महाविद्यालय की डाॅ सुनीता कुमारी, डाॅ गीतांजली चौधरी, डाॅ रीता कुमारी, डाॅ श्वेता शशी, डाॅ आलोक प्रभात उपस्थित रहें।