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दरभंगा : अधिक ध्वनि वाले पटाखें न छोड़े जायें और न ही बेचें जायें, डीएम ने की जिलावासियों से अपील

img-20160412-wa0016दरभंगा : जिलाधिकारी डॉ0 चन्द्रशेखर सिंह ने आगामी दीपावली एवं छठ पर्व के शुभ अवसर पर विधि-व्यवस्था संधारण एवं लोक सुरक्षा की दृष्टि से भारी आवाज वाले पटाखे न बनाये जाने, न बेचे जाने और न ही छोड़े जाने हेतु दरभंगा वासियों से अपील किया। यह सर्वविदित है कि पटाखे आदि एक ज्वलनशील एवं विस्फोटक पदार्थ होते है, जिससे जान-माल तथा जन स्वास्थ्य की क्षति होने की सम्भावना बनी रहती है। अतः जिलाधिकारी ने कहा है कि अधिक ध्वनि वाले पटाखें न छोड़े जाय न बेचे जाय। इसके साथ यह भी आदेश दिया है कि घनी आबादी वाले जगहों में ज्वलनशील एवं विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग अथवा भंडारण किसी भी स्थिति में नहीं हो। सभी बिक्रेताओं को आदेश दिया गया है कि इस निदेश का दृढ़ता से अनुपालन किया जाय। अन्यथा दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जायेगी। इस संबंध में यह भी ध्यान देने की बात है कि बिना अनुज्ञप्ति वाले किसी भी बिक्रेता के साथ भी ये सामन नहीं बेचे जायें तथा गलियों एवं संकीर्ण बाजारों में अथवा भीड़ वाले इलाकों में इनकी बिक्री पर रोक लगा दी जाय। जो भी व्यक्ति इसकी बिक्री हेतु अनुज्ञप्तिधारी है, वे इसका भंडारण अपने निवास गृहों में न कर मात्र बिक्री स्थानों पर ही करें। साथ ही अपने बिक्री स्थानों पर सोडा एसीड टाईप के कम से कम दो पोर्टेबुल अग्निशामक यंत्र अवश्य रखें तथा किसी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए पर्याप्त सावधानियाँ बरते।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय से पारित आदेश के आलोक में पटाखों के प्रस्फोटन बिन्दु से 4 मीटर की दूरी 125 डेसीबल (ए इम्पलसिव) अथवा 145 डेसीबल (सी0) पी0के0 से अधिक शोरजनक पटाखों के बिक्रय एवं उपयोग पर पूर्णतः रोक लगायी जाती है। लड़ी वाले पटाखों (जब जुड़े हुए पटाखों की संख्या – 100 हो) जैसे – चटाई बम आदि से 115 डेसीबल (ए इम्पलसिव) से अधिक शोर उत्पन्न होना निश्चित है। अतः उसका विनिर्माण, बिक्रय या उपयोग निषिद्ध है। जुड़े हुए पटाखों के प्रत्येक पटाखे की शक्ति उक्त वर्जित सीमा से 05 लॉग (10) एन0 डेसीबल तक कम होगा।

आतिशबाजी एवं पटाखों का उपयोग सुबह 06 बजे से 10 बजे रात के बीच ही किया जा सकता है। आतिशबाजी एवं पटाखों के उपयोग पर रात 10 बजे से 06 बजे तक पूर्णतः रोक लगायी जाती है। पटाखों का प्रयोग शांति क्षेत्र तथा अस्पताल, शिक्षण, न्यायालय परिसर, धार्मिक स्थल, सड़क एवं प्रशासन द्वारा घोषित साईलेंस जोन में नहीं किया जा सकता है। अर्थात साईलेंस जोन में पटाखों के उपयोग को निषिद्ध किया जाय। कर्णभेदी पटाखों का उपयोग बिलकुल नहीं किया जाय। पटाखों का प्रस्फोटन जहाँ तक संभव हो खेल के मैदानों/खुले स्थानों इत्यादि में किया जाय।

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