दरभंगा : प्रशासन नगर में जाम की समस्या को समाप्त करने के लिए जितना कोशिश करता है, समस्या उतनी ही बढ़ती जा रही है. वन वे ट्रैफिक सिस्टम भी कारगर साबित नहीं हो रहा और न ही कारगर हुआ पर्व के कारण रूट परिवर्तन.चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती असरदार नहीं हो रही. विशेषकर दो पहिया व तिपहिया चालकों के कारण व्यवस्था प्रभावित हो रही है. आगे निकलने की होड़ में यातायात नियम का अनुपालन करना गाड़ी चालक जरूरी नहीं समझते. व्यवस्था बहाली के लिए तैनात कर्मी काम के दवाब में परिणाम नहीं दे पाते.
दुर्गा पूजा को लेकर नगर में ट्रैफिक का लोड बढ़ गया है. जगह-जगह सड़क पर पंडालों का निर्माण एवं सजावट को ले की गयी घेराबंदी इसका कारण बन रहा है. आने-जाने वाले लोगों की संख्या का दवाब भी व्यवस्था पर पड़ रहा है. कई मुख्य सड़कों पर सार्वजनिक दुर्गापूजा होने को लेकर भारी वाहनों का रूट बदल दिये जाने के कारण अन्य मार्गों पर क्षमता से अधिक वाहनेां का दवाब होना शुरू हो चुका है. यातायात व्यवस्था सुचारू रहे और आमलोगों को जाम से जूझना न पड़े इसके लिए विभिन्न चौक-चौराहा पर यातायात पुलिस की तैनाती करने के बाद भी जाम लगाने की समस्या जस की तस बनी हुई है. इससे आम राहगीरों को परेशानी होती है.
यातायात व्यवस्था संभालने को लेकर लगाये गये कर्मी ड्यूटी पर कम, चाय-पान की दुकान पर ज्यादा समय बिताते हैं. इक्का-दुक्का को छोड़ दें तो अधिकांश ड्यूटी पर तैनात कर्मियों का यही हाल है. इसका भरपूर फायदा ऑटोचालक से लेकर बांकी के वाहन चालक उठाकर जाम की समस्या उत्पन्न करते रहते हैं. इसका खामियाजा पांव पैदल से लेकर इमरजेंसी सेवा के वाहनों को झेलना पड़ता है. बेला मोड़, बाघ मोड़, दोनार, रेलवे स्टेशन, शास्त्री चौक, स्टेशन जानेवाली सड़क, पॉलिटेक्निक के समीप आदि तमाम जगहों पर ऑटो चालक मनमाने ढंग से जहां-तहां गाड़ी लगाकर जाम की समस्या को उत्पन्न करते हैं. ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस या तो मूकदर्शक बनी रहती है. ऑटो संगठन के दबदबा इसका प्रमुख कारण है. यही हाल बस चालकों का भी है. जबतक पैसेंजर न ले ले सड़क के बीचोबीच से हटना पसंद नहीं करते. भले ही उसके पीछे जाम लग जाने के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा जाय. अधिकांश चालक यातायात नियम की जानबूझ कर अनदेखी करते हैं.