सूरज अवस्थी (मोहनलालगंज/लखनऊ) :: विकास खण्ड मोहन लाल गंज क्षेत्र में लगने वाली सात दर्जन ग्राम सभाओं में घुमंतू जानवरो का आतंक चरम पर है । जिससे आये दिन सड़को पर राहगीर चोटिल हो रहे है । वही गांवो में किसानी करने वाले किसान धान की नर्सरी बचाने के लिए दिन रात एक किये है । वही जिन पंचायतो में पशु आश्रय केंद्र बने है उन गांवो में काफी हद तक गनीमत है , और जिन गांवो में अधबने पड़े है उन गांवो की स्थित बहुत ही चिंताजनक है । ग्रामीणों ने बताया कि जिन पंचायतो में गौशाला अभी तक नही बन पाई है , उन गांवो की ग्रामीण जनता जिम्मेदारों से अधबने पड़े गौशालाओ का कार्य पूरा करा उन्हें चालू कराने की अपील कर रही है , और क्षेत्रीय किसानों को महज ये आस्वाशन मिल पा रहा है कि जल्द ही इन्हें चालू करा दिया जाएगा , वही किसानों ने कहा कि क्या जब धान की फसल के लिए तैयार की जा रही नर्सरी को ये घुमंतू जानवर पूर्ण रूप से बर्बाद कर देंगे तब अधबनी गौशालाओ का संचालन प्रशाशन द्वारा कराया जाएगा । उनको बचाने के लिए दर्जनों गांवों के किसान दिन व रात जागकर किसी तरह उसे घुमंतू जनवरो से बचा पा रहे है , लेकिन उनमें से कई आवारा सांड इतने खतरनाक है कि खेती की रखवाली कर रहे किसानों पर टूट पड़ते है , और किसानों को घायल कर देते है ।
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और नौबत जान पर बन आती है । अब तक गौरा , मीरानपुर , सहित कई गांवो के ग्रामीण आवारा सांडो के हमले से घायल हो अपनी जान तक गवा चुके है । और सड़कों पर दो पहिया सवार और चार पहिया वाहन हादसों का शिकार हो रहे है । आखिर कब लगेगा इन आवारा घुमंतू सांडो के आतंक पर पूर्ण विराम और क्षेत्रीय किसान कब कर सकेंगे मनमाफिक किसानी और किसानों के घरो में होगा अन्न देवता का वास ये बात । और उनके घरों में अन्न का भंडार कब भरेगा , सरकार कब किसानों को इस विषम समस्या से निजात दिला सकेगी , और किसानों के हरे भरे खेत एक बार फिर फसलो से लहलहाएंगे या फिर यू ही हजारो बीघे जमीन किसानों की परती पड़ी रहेगी । आखिर देश का अन्नदाता किसान दाने दाने को मोहताज है किसान किसानी को करने के लिए कई विषम परिस्थितियों के दौर से गुजर रहा है । वही सरकार भी किसानों के लिए दृढ़ संकल्प है और किसानों को पूरा यकीन है की प्रशासनिक अधिकारी भी किसानों की इस विषम परिस्थिति से निजात दिला सकेंगे । ये बात आने वाला वक्त तय कर सकेगा ।
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