दरभंगा : शुक्रवार को वाराणसी व बांग्ला पंचांग के अनुसार महालया होने के साथ पितृ पक्ष का समापन भी हो गया. गुरुवार रात्रि 3.20 बजे से अमावस्या लग गया, जो शुक्रवार की रात्रि शेष 04.21 बजे तक है. वहीं कलश स्थापना एक अक्टूबर को की जायेगी. महालया के दिन कई लोग घरों में चंडी पाठ भी करते हैं. इसी दिन से लोग दुर्गा पूजा की भी तैयारी शुरू कर देते हैं. इस बार शारदीय नवरात्र 10 दिन का हो रहा है तथा 11वें दिन विजयादशमी होगी. पूजा को लेकर बाजार में पूजन सामग्री सहित कपड़ों की खरीदारी तेज हो गयी है. खरीदारी के लिए बाजार में भीड़ उमड़ रही है.
शारदीय नवरात्र एक अक्तूबर से शुरू हो रहा है. एक अक्तूबर को प्रात: 04.23 बजे से प्रतिपदा लग रहा है, जो रविवार को प्रात: 05.53 बजे तक रहेगा. इस दिन अभिजीत मुहूर्त दिन के 11.36 से 12.24 बजे के बीच है. कलश स्थापना के लिए यह बेहतर समय माना गया है. प्रात:काल कन्या लग्न मुहूर्त 05.44 से 06.53 तक है.
मां की आराधना में कलश स्थापना का विशेष महत्व है.मां की आराधना शुरू करने से पूर्व सबसे पहले कलश में जल, गंगाजल, सर्वोषधि, दूर्वा, कुश, पंच पल्लव, सप्तमृतिका, कसैली, पंचरत्न, द्रव्य डालकर उस पर ढक्कन लगाकर ढक दें.ढक्कन में अक्षत डालकर उस पर नारियल एक कपड़े में लपेटकर रख लें और फिर उसकी पूजा कर लें. फिर इस मंत्र का जाप करें.
त्वत्प्रसादादिमं यज्ञं कर्तुमिह जलोदभव. सान्नध्यिं कुरु मे देव प्रसन्नो भव सर्वदा.