डेस्क : बाल दिवस के अवसर पर मदर्स केयर इंग्लिश स्कूल, कमतौल में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । मदर्स केयर इंग्लिश स्कूल के बच्चों के बीच ग्रुप डांस, नृत्य प्रतियोगिता, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें सफल बच्चों को प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से कार्यक्रम में आए अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया।
मंचासीन अतिथियों में जाले विधायक जीवेश कुमार, पॉलिटेक्निक गुरु सौरभ शेखर श्रीवास्तव, स्थानीय शिक्षक अजीत कुमार एवं रिटायर्ड शिक्षक चंद्रभूषण ठाकुर शामिल हुए। दीप प्रज्वलित करने के उपरांत पं० जवाहर लाल नेहरू के तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुरुआत किया गया। जिसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत मदर्स केयर इंग्लिश स्कूल के निदेशक सुमित कुमार नें पाग चादर व माला पहनाकर किया। स्वागत के पश्चात अतिथियों ने कार्यक्रम को संबोधित किया ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जाले विधायक जीवेश कुमार ने अपने संबोधन में सबसे पहले विद्यालय प्रबन्धन को मदर्स केयर नाम के लिये कहा की आपके विद्यालय का नाम बहुत अच्छा है, जो मातृ प्रेम और वात्सल्य को सम्बोधित करता है। जैसे एक माँ अपने बच्चों का ख्याल रखती है ठीक उसी प्रकार विद्यालय भी माँ की तरह हीं होता है। किसी भी बच्चे का पहला विद्यालय उसकी माँ होती है और आप भी माँ की तरह बच्चों का ध्यान रखें।
वहीं जाले विधायक जीवेश कुमार ने बच्चों की मौलिक शिक्षा पर भी जोड़ देने की बात कही। विद्यालय प्रबंधन और उपस्थित अभिभावकों से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश मे बच्चों के स्कूली शिक्षा के साथ नैतिक एवं मौलिक शिक्षा पर भी ध्यान देना आवश्यक है। बच्चों के केयर, स्वच्छता अभियान एवं बच्चों को पानी की क्षति न करने के लिए जागरुक करने का निवेदन स्कूल प्रबंधक व अभिभावकों से किया।
जाले विधायक जीवेश कुमार ने बताया कि भारत उन चंद देशों में से एक है जो बाल दिवस 14 नवम्बर को मनाते हैं बांकी पूरी दुनिया में बाल दिवस 20 नवम्बर को मनाया जाता है।
अपने संबोधन में पॉलिटेक्निक गुरु सौरभ शेखर श्रीवास्तव ने कहा कि बाल दिवस पं० जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है ।पंडित नेहरू को बच्चे और लाल गुलाब बहुत पसंद थे । प्रधानमंत्री बनने के बाद पंडित नेहरू ने बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता देते हुए कई योजनायें शुरू किये। बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से रोकने के लिए पीएम नेहरू ने पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की थी जिसमें बच्चों के लिए संतुलित आहार, नि:शुल्क शिक्षा व दूध की व्यवस्था की गई थी।
साथ ही पॉलिटेक्निक गुरू सौरभ शेखर श्रीवास्तव ने वर्तमान परिवेश में बच्चों की स्थिति पर प्रकाश डाला। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बाल मजदूरी हमारे समाज के लिए अभिश्राप है । बाल मजदूरी की रोकथाम को लेकर सरकारी अफसर बड़ी बड़ी बातें तो बनाते हैं लेकिन सरकारी दफ्तरों एवं पदाधिकारियों के यहां अक्सर देखने को मिलता है कि चाय पहुंचाने वाला बाल मजदूर ही होता है इतना ही नहीं कई होटलों व चाय दुकानों में बाल मजदूरी आम है क्योंकि होटल संचालकों को कम वेतन पर बाल मजदूर मिलते हैं।
पॉलिटेक्निक गुरू सौरभ शेखर श्रीवास्तव ने कहा कि ‘भूखा वर्तमान सुनहरे भविष्य की परिकल्पना कैसे कर सकता है ?’ क्योंकि बाल मजदूरी को देखने के बाद जब बच्चों के माता पिता से पूछा जाता है कि आप अपने बच्चों से मजदूरी क्यों करवाते हैं तो बाल मजदूर के माता पिता का कहना होता है कि रोटी के लिए बच्चों से काम करवाना उनकी मजबूरी है कोई शौक नहीं । जिस उम्र में बच्चों के हाथ में कलम होनी चाहिए उस उम्र में बच्चे मजदूरी कर रहे हैं । सरकार, कई सामाजिक संगठनों द्वारा बाल संरक्षण व विकास हेतु कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, सरकारी खजानों से मोटी रकम भी खर्च हो रही है फिर भी बाल मजदूरी पर लगाम नहीं लग रही है ।
उपस्थित अभिभावकों व अतिथियों से अपील करते हुए पोलिटेक्निक गुरु सौरभ शेखर श्रीवास्तव ने कहा कि क्यों ना हम और आप पहल करते हुए बाल मजदूरी पर अंकुश लगाने के लिए एक प्रयास करें।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य एनके ठाकुर व विद्यालय के शिक्षकों के साथ सैकड़ों की संख्या में बच्चे व अभिभावक उपस्थित थे।